---------- Forwarded message ----------
From: Journalist Community <admin@journalistcommunity.com>
Date: 2012/7/8
Subject: सुंदरपाल का सुंदरकांड
To: admin@journalistcommunity.com
पूछने को जब कोई और करने को जब कुछ नहीं बचा तो सुंदरपाल हांकने लगे. जैसे ये कि कल (ज़ी वाले) सुभाष (गोयल) का फोन आया था. जिन चैनलों में वे किसी स्ट्रिंगर तक को नहीं जानते थे उनके मालिकों को अपनी जेब में बताने लगे. और इसी बताने बताने में वे नौकरी दिलाने के बहाने इस उस को बुलाने, पटाने भी लगे. लाल बत्ती वाली कार में ऐसी कुछ 'प्रतिभाओं' को वे होटलों में लाते और दारु पी के वापिस ले जाते हुए भी देखे गए हैं. कभी उनकी तमन्ना हो तो उस तरह के फोटो जब वे चाहें इस वेबसाईट पर अपलोड कर दिए जायेंगे. http://journalistcommunity.com/index.php?option=com_content&view=article&id=1671:2012-07-08-12-01-08&catid=34:articles&Itemid=54
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Date: 2012/7/8
Subject: सुंदरपाल का सुंदरकांड
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पूछने को जब कोई और करने को जब कुछ नहीं बचा तो सुंदरपाल हांकने लगे. जैसे ये कि कल (ज़ी वाले) सुभाष (गोयल) का फोन आया था. जिन चैनलों में वे किसी स्ट्रिंगर तक को नहीं जानते थे उनके मालिकों को अपनी जेब में बताने लगे. और इसी बताने बताने में वे नौकरी दिलाने के बहाने इस उस को बुलाने, पटाने भी लगे. लाल बत्ती वाली कार में ऐसी कुछ 'प्रतिभाओं' को वे होटलों में लाते और दारु पी के वापिस ले जाते हुए भी देखे गए हैं. कभी उनकी तमन्ना हो तो उस तरह के फोटो जब वे चाहें इस वेबसाईट पर अपलोड कर दिए जायेंगे. http://journalistcommunity.com/index.php?option=com_content&view=article&id=1671:2012-07-08-12-01-08&catid=34:articles&Itemid=54
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