---------- Forwarded message ----------
From: reyaz-ul-haque <beingred@gmail.com>
Date: 2012/7/15
Subject: क्रांतिकारी आत्महत्या: एक घोषणापत्र
To: abhinav.upadhyaya@gmail.com
सोचिए विदर्भ और दूसरे राज्यों के दो लाख से अधिक किसानों की आत्महत्याओं के बारे में. और इसकी वजहों के बारे में सोचिए. याद करने की कोशिश कीजिए कि इस सदी के इस सबसे बड़े जनसंहार का आखिर नतीजा क्या निकला? किसकी जिंदगी की चिंता किसे है? भूख से मरते लोगों के बारे में सोचिए, कुपोषण के शिकार बच्चों के बारे में, दवाओं के बिना मरते बीमारों के बारे में; जलाई जाती दलित बस्तियों और अल्पसंख्यकों के कत्लेआमों के बारे में, बांधों और एक्सप्रेस वे के लिए उजाड़े जाते गांवों के बारे में सोचिए...और पढ़िए हेई पी. न्यूटन का यह लेख.
From: reyaz-ul-haque <beingred@gmail.com>
Date: 2012/7/15
Subject: क्रांतिकारी आत्महत्या: एक घोषणापत्र
To: abhinav.upadhyaya@gmail.com
सोचिए विदर्भ और दूसरे राज्यों के दो लाख से अधिक किसानों की आत्महत्याओं के बारे में. और इसकी वजहों के बारे में सोचिए. याद करने की कोशिश कीजिए कि इस सदी के इस सबसे बड़े जनसंहार का आखिर नतीजा क्या निकला? किसकी जिंदगी की चिंता किसे है? भूख से मरते लोगों के बारे में सोचिए, कुपोषण के शिकार बच्चों के बारे में, दवाओं के बिना मरते बीमारों के बारे में; जलाई जाती दलित बस्तियों और अल्पसंख्यकों के कत्लेआमों के बारे में, बांधों और एक्सप्रेस वे के लिए उजाड़े जाते गांवों के बारे में सोचिए...और पढ़िए हेई पी. न्यूटन का यह लेख.
No comments:
Post a Comment