Thursday, July 10, 2014

सब्सिडी बोझ घटाना होगा: सी रंगराजन,बजट से कितने खुश बाजार और इंडस्ट्री

सरकार ने वित्त वर्ष 2015 के लिए वित्तीय घाटे का लक्ष्य 4.1 फीसदी रखा है। लेकिन सरकार के लिए इसे हासिल करने के लिए सब्सिडी बोझ घटाना होगा, ये कहना है कि प्रधानमंत्री आर्थिक सलाहकार समिति के चेयरमैन सी रंगराजन का। उन्होंने ने वित्तीय घाटे के लक्ष्य का स्वागत किया है। उनके मुताबिक वित्तीय घाटे का लक्ष्य आय पर निर्भर करेगा और आय को लेकर चिंताजनक स्थिति नहीं है।

बजटः कॉरपोरेट जगत की उम्मीदें कितनी पूरी

प्रकाशित Thu, जुलाई 10, 2014 पर 18:35  |  स्रोत : CNBC-Awaaz

वित्तमंत्री ने आज उम्मीदों का बजट पेश किया। कोई बड़ा ऐलान तो नहीं हुआ लेकिन सभी वर्गों को खुश करने की कोशिश की गई। किसी को ज्यादा मिला तो किसी के पकवान में मीठा थोड़ा कम था- लेकिन कोई मायूस नहीं हुआ। अच्छे दिन का वादा करनेवाले मोदी के बजट में कुछ ठोस ऐलान हैं तो आगे इकोनॉमी को सुधारने का रोड मैप भी है।  इंफ्रा सेक्टर पर बड़ा फोकस किया गया है। रियल इस्टेट, हाउसिंग, पावर, और एग्रीकल्चर जैसे अहम सेक्टर को भी तवज्जो दी गई है। मोदी को सिंहासन में बिठाने वाले मिडिल क्लास को भी टैक्स छूट देकर बड़ी राहत देने की कोशिश की गई है। मोदी सरकार का बजट क्या इंडस्ट्री की उम्मीदों पर खरा उतरा है, इस पर सीएनबीसी आवाज़ की खास पेशकश।


एचएसबीसी इंडिया की चेयरपर्सन नैना लाल किदवई का मानना है कि रेट्रोस्पेक्टिव टैक्स पर सरकार का फैसला अनुमानित ही था। इन मामलों को जल्दी से सुलझाना संभव नहीं है लेकिन सरकार ने इसपर जांच की बात कही है जो अच्छा ही है। बजट में विनिवेश के ऊपर कोई ऐलान ना होने से थोड़ी निराशा है क्योंकि इसके लिए काफी ऐलान की उम्मीद थी और बाजार भी इसके लिए अनुकूल है। देश को नए बैंकों की जरूरत है और सरकारी पीएसयू बैंकों को मिलाने पर सैद्धांतिक मंजूरी मिलने से बैंकों के लिए अच्छा होगा। वित्त वर्ष 2017 से अकाउंटिंग के नए नियम जारी होने से भी सरकारी काम में पारदर्शिता आएगी।


बजट में कंपनी एक्ट पर तो नहीं लेकिन डीटीसी के ऊपर आश्वासन जरूर दिए गए हैं कि इसकी समीक्षा होगी। वहीं जीएसटी के ऊपर भी राज्यों के बीच सहमति बनाने की बात कही गई है जो सकारात्मक है। हालांकि ऐलान करने से ज्यादा इन कामों को पूरा करना ज्यादा मुश्किल है।


महिंद्रा एंड महिंद्रा के डायरेक्टर अरुण नंदा का कहना है कि बजट से काफी सारी उम्मीदें पूरी हुई हैं और आगे भी इस दिशा में काम होने की उम्मीद है। अपने पहले बजट में सरकार ने अच्छे दिनों का वादा पूरा करने की पूरी कोशिश की है। मैन्यूफैक्चरिंग कंपनियों को टैक्स छूट बढ़ाने से देश का इंडस्ट्रियल प्रोडेक्शन बढ़ेगा लेकिन इसमें काफी वक्त लगेगा। बजट की दिशा तो ठीक है तो लेकिन तुरंत ही देश की तस्वीर बदल जाएगी ऐसा नहीं है। डिफेंस में एफडीआई की सीमा बढ़ाकर 49 फीसदी करना बहुत बड़ा कदम है। डिफेंस में नीचे से शुरू करके ऊपर तक जाएंगे और बहुत सी बड़ी कंपनियां आकर यहां निवेश करेंगी। सालोंसाल मामले पेंडिंग रहने की कार्यपद्धति में बदलाव आएगा और इससे सेक्टर की हालत सुधरेगी। इसके अलावा डिफेंस में आगे चलकर और एफडीआई को मंजूरी दी जा सकती है।


आईसीआईसीआई बैंक की एमडी और सीईओ चंदा कोचर का कहना है कि बजट में काफी सकारात्मक ऐलान हुए हैं। रोड, पोर्ट, शिपिंग, इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए अच्छी पूंजी दी गई है। डिफेंस और इंश्योंरेंस में एफडीआई बढ़ाया गया है जो काफी समय से अपेक्षित था। इसके अलावा बैंकों को सीनियर बॉन्ड जारी करने की मंजूरी दी गई है जिससे बैंक पूंजी जुटा पाएंगे। बजट में सरकार का फोकस साफ है और ग्रोथ पर फोकस करना पॉजिटिव है। इस बजट को 10 में से 9 अंक दिए जा सकते हैं।


बीसीजी के एशिया पैसेफिक के चेयरमैन जन्मेजय सिन्हा का कहना है कि देश में संस्थागत और विदेशी निवेश नहीं आ रहा है जिसे आकर्षित करने के लिए इस बजट में कोशिश की गई है। डिफेंस और बीमा में 49 फीसदी विदेशी निवेश को मंजूरी देना इसी दिशा में बड़ा कदम है। इसके अलावा इस साल वित्तीय घाटे को 4.1 फीसदी के लक्ष्य हासिल करने का महत्वाकांक्षी लक्ष्य रखा है जो सरकार की प्रतिबद्धता को दिखाता है। रोड, पोर्ट, स्मार्ट सिटी, आईआईएम खोलने, आईआईटी खोलने और एजुकेशन पर खर्चा बढ़ाने की बात कहकर रोजगार को पैदा करने की भी कोशिश की है। रेलवे बजट से पहले ही रेल किराए बढ़ाकर सरकार ने अपना विजन साफ कर दिया था और इसे ही बजट में दिखाने की कोशिश की गई है।


बजट 2014: बाजार को क्या लगा अच्छा

प्रकाशित Thu, जुलाई 10, 2014 पर 15:47  |  स्रोत : CNBC-Awaaz

मोदी सरकार का पहला बजट आम टैक्स पेयर के लिए अच्छी खबर लेकर आया है। अब सालाना 2.5 लाख तक की आमदनी पर कोई टैक्स नहीं लगेगा। 80सी के तहत टैक्स छूट की सीमा भी 1 लाख से बढ़ाकर 1.5 लाख कर दी गई है। साथ ही होम लोन पर मिलने वाली ब्याज छूट भी 1.5 लाख रुपये से बढ़ाकर 2 लाख रुपये कर दी गई है।


लगता है बाजार को भी बजट काफी पसंद आया था क्योंकि बजट भाषण के वक्त 300 अंको तक लुढ़क चुके सेंसेक्स ने 400 अंक की जोरदार मजबूती दिखाई थी। तो इंडस्ट्री और बाजार को वित्त मंत्री अरुण जेटली के बजट में क्या बातें अच्छी लगी और कौन सी उम्मीदें पूरी नहीं हो पाईं, आइए जानते हैं।


आनंद राठी फाइनेंशियल सर्विसेज के चेयरमैन आनंद राठी का कहना है कि इस बजट में बडी बारीकीयों से हर सेक्टर पर ध्यान दिया गया है। रियल एस्टेट, इंफ्रा और पावर सेक्टर को बढ़ावा दिया गया है। वहीं ट्रांसपोर्ट टुरिज्म सेक्टर के बारे में बात की गई है। एज्यूकेशन के मामले में स्कील डेवलपमेंट को भी बढ़ावा दिया गया है।   

इस बजट में कुछ प्रतिबंधों के कारण निवेश भले कम हो लेकिन बड़ी बात यह थी कि फिस्कल कंसोलिडेशन की तरफ वित्तमंत्री का शुरु से फोकस था। इसके अलावा महंगाई काबू में लाने की भी कोशिश की गई है और टैक्स छूट की सीमा बढ़ाकर आम जनता को भी राहत पहुंचाई है। जीएसटी इस साल के अंत तक नीचे लाने की कोशिश की जाएगी। एफडीआई बढ़ने और फंडफ्लो आने पर भारतीय बाजारों में ग्रोथ दिखाई देगी। मौजूदा बजट सभी स्तर पर बाजार के उम्मीदों पर खरा उतरा है।


मार्केट एक्सपर्ट संदीप सभरवाल का कहना है कि इस बजट में काफी सकारात्मक एलान किए गए है और इससे ग्रोथ बढ़ने और महंगाई मे कमी आने कि उम्मीद है। टैक्सपेयर्स को जो रियायते दी गई है उससे आम जनता को भी राहत मिली है। हाउसिंग और 80सी में जो रियायत दी गई है इससे सेविंग बढ़ेगी।


इक्विटीरश के कुणाल सरावगी का कहना है कि निफ्टी का चार्ट काफी अच्छा लग रहा है और इसमें ऊपरी रुझान बना हुआ है। जबतक निफ्टी 7500 के नीचे नहीं जाता तबतक मंदी आने की उम्मीद नहीं है। ऊपर में 7800 का स्तर पार होने पर बाजार दोबारा तेजी दिखाएगा।


बजट से कितने खुश बाजार और इंडस्ट्री


वित्त मंत्री अरुण जेटली ने सबकी उम्मीदों का बजट पेश कर दिया है और बाजार के साथ साथ इंडस्ट्री के जानकारों का मानना भी यही है कि ये बजट आगे की सोच को दिखाने वाला है। आइये इंडस्ट्री और बाजार के जानकारों से जानते हैं कि उनके मुताबिक इस बजट से क्या मिला है।


आईडीएफसी के मैनेजिंग डायरेक्टर राजीव लाल का कहना है कि इस बजट में इंफ्रास्ट्रक्चर सेगमेंट को काफी तवज्जो दी गई है जो अभी तक नजरंदाज किया जा रहा था। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना, भू जलमार्ग के लिए पूंजी, एनएचएआई का 8000 किलोमीटर सड़क बनाने का लक्ष्य इन सब बातों से इंफ्रा सेक्टर के लिए काफी अच्छे संकेत निकलकर सामने आ रहे हैं।


इन सब कदमों से इंफ्रास्ट्रक्चर सेगमेंट के लिए निवेश अवश्य आएगा। इसमें कुछ समय लग सकता है लेकिन घरेलू निवेश के साथ साथ विदेशी निवेश भी अवश्य बढ़ेगा। राजीव लाल ने इस बजट को 10 में से 8 अंक दिए हैं।


ब्लू ओशन कैपिटल एडवाइजर्स के निपुण मेहता का कहना है कि बाजार को जिस बजट का इंतजार था वो आ चुका है और बाजार की उम्मीदों के अनुरूप ही आया है। आज बाजार ने इससे तेजी की दिशा भी ली है। सरकार ने हाउसिंग सेक्टर को बढ़ावा देने के लिए काफी कदम उठाए हैं। सेविंग्स बढ़ाने के लिए जो कदम लिए हैं उनसे भी कुछ खास सेगमेंट जैसे हाउसिंग और रियल सेक्टर के लिए काफी अच्छी शुरुआत हो सकती है।


एमएंडएम के ऑटोमोटिव डिवीजन के ईडी और प्रेसिडेंट पवन गोयनका का कहना है कि बाजार में कोई बहुत बड़ा ऐलान ना होने के बावजूद सभी वर्गों के लिए काफी कुछ कहा गया है। डायरेक्ट टैक्स में कटौती की उम्मीद ना होने के बाद भी इनमें कमी की गई है जो काबिलेतरीफ है। इसके अलावा वित्तीय घाटा को भी काबू करने की बात कही गई है जिससे निवेशकों का भरोसा बाजार में बनेगा। इस बजट से ग्रोथ के लिए एक दिशा मिल रही है और सरकार की निवेशक को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्धता नजर आ रही है।


पवन गोयनका के मुताबिक इस बजट से इंडस्ट्री को अच्छे संकेत मिल रहे हैं और भरोसा है कि ज्यादा से ज्यादा निवेशक इंडस्ट्री में निवेश करने के लिए आगे आएंगे।


बीएसई के मेंबर दीपेन मेहता का कहना है कि बजट में कोई बहुत बड़ी घोषणा नहीं हुई है और कोई नए स्कीम, प्रोग्राम का ऐलान नहीं किया है। सब्सिडी के मोर्चे पर भी कुछ खास निकलकर नहीं आया है। सरकार अपने खर्चे और वित्तीय घाटे को नियंत्रित करने के लिए कहां से पैसा लाएगी इस पर स्पष्टता नहीं आई है। बजट में सभी सेक्टर के लिए कुछ ना कुछ देने की असफल कोशिश की गई है और किसी खास सेक्टर को उबारने के लिए कुछ नया नहीं है। मोदी बजट का जितना इंतजार था उसके विपरीत इस बजट को कुल मिलाकर बस ठीकठीक कहा जा सकता है।


सबसे ज्यादा फायदा एफआईआई को हुआ है और घरेलू निवेशकों के लिए कोई साफ ऐलान नहीं किया गया है। एफआईआई को पूरी छूट दी गई है कि वो जो भी निवेश करेंगे वो कैपिटल गेन्स में जाएंगे। लेकिन 80सी के तहत निवेश सीमा बढ़ाने को एक अच्छा कदम माना जा सकता है।


भारतीय बाजार विदेशी बाजारों के मुकाबले आकर्षक लग रहे हैं और इस बजट में एफआईआई को ही आकर्षित करने की कोशिश की गई है। बजट के बाद भी कोई नए स्टॉक और सेक्टर आकर्षक नहीं लग रहे हैं। हां तंबाकू इंडस्ट्री को थोड़ा धक्का जरूर लगा है जिससे इस सेक्टर में गिरावट देखी जा सकती है।


हीरानंदानी ग्रुप के निरंजन हीरानंदानी का कहना है कि हालांकि सरकार ने हाउसिंग सेक्टर और रियल एस्टेट सेक्टर के लिए काफी कुछ ऐलान किए हैं लेकिन इसके बावजूद कुछ कमियां रह गई हैं। चीन से हाउसिंग सेक्टर से मुकाबला करने के लिए अभी भी कुछ कदम उठाने की जरूरत है। सरकार ने इसके लिए शुरुआत जरूर की है और दिशा देने की कोशिश की है। 2.5 करोड़ घर बनाने के लिए काफी पूंजी की जरूरत है जिसकी उपलब्धता कहां से होगी इसके बारे में अभी स्पष्टता नहीं है।


हालांकि आरईआईटी का ऐलान होने से रियल्टी सेक्टर के लिए भारी पूंजी आएगी और बैंकों को भी रियल एस्टेट सेक्टर में पूंजी लगाने के लिए भरोसा मिलेगा। वित्त मंत्री अरुण जेटली के इस बजट को 10 में से 7 अंक दिए जा सकते हैं।


प्रभुदास लीलाधर की अमीषा वोरा का कहना है कि सरकार ने कई सेक्टर पर ध्यान देने की कोशिश की है। जैसे रियल एस्टेट सेक्टर के लिए आरईआईटी की बात कही है तो उससे रियल्टी सेक्टर को फायदा होगा और उसके कर्ज कम होंगे। रियल्टी सेक्टर के कर्ज कम होने से बैकों के एनपीए भी घटेंगे। सरकार ने इंफ्रा, हाउसिंग, रियल एस्टेट, पावर, एग्रीकल्चर जैसे कई महत्वपूर्ण सेक्टर के लिए अच्छे ऐलान किए हैं और इनका फायदा इकोनॉमी की ग्रोथ बढ़ने के रूप में आगे चलकर मिलेगा।

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