Friday, March 15, 2013

गिर्दा की दो कविताओं पर अनिल कार्की की टिप्‍पणी, जो कविता की सार्थकता और उसके लक्ष्‍य पर भी अपने अंदाज़ में कुछ कहती है.... मित्रों से पढ़ने का आग्रह है।


गिर्दा की दो कविताओं पर अनिल कार्की की टिप्‍पणी, जो कविता की सार्थकता और उसके लक्ष्‍य पर भी अपने 

अंदाज़ में कुछ कहती है.... मित्रों से पढ़ने का आग्रह है। 

http://anunaad.blogspot.in/2013/03/blog-post_4764.html

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