Monday, July 29, 2013

हन्नान मोल्ला बने किसान सभा के महासचिव,रज्जाक सह सभापति,बंगाल में होगा जंगी आंदोलन

हन्नान मोल्ला बने किसान सभा के महासचिव,रज्जाक सह सभापति,बंगाल में होगा जंगी आंदोलन


एक्सकैलिबर स्टीवेंस विश्वास​



बंगाल में पंचायत चुनावों में तृममूल की एक तरफा जीत के बावजूद माकपा ने उत्तर 24 परगना, दक्षिण 24 परगना, नदिया, मालदह और जलपाईगुड़ी में वापसी के संकेत दिये हैं। हावड़ा के कुछ इलाकों में उसकी पकड़ अभी बनी हुई है। लिहाजा ग्राम बांग्ला में जनाधार मजबूत करने के लिए माकपा की रणनीति अब जंगी किसान आंदोलन की होगी। जिन जिलों में माकपा ने बंहतर नतीजे निकाले हैं,वे परंपरागत रुप में किसान आंदोलन के गढ़ हैं। तेभागा और खाद्य आंदोलन का शानदार इतिहास रहा है इन जिलों में।माकपा की इस रणनीति को ्मली रुप देने के लिए पंचायत चुनावों के परिणाम आने से पहले ही भारतीय किसान शभा का महासचिव बनाया गया है उलबेड़िया के पूर्व सांसद हन्नान मोल्ला को। झाहिर है कि इस फैसले के जरिये हावड़ा ,पूर्व व पश्चिम मेदिनीपुर और हुगली जिलों में भी वापसी के प्रयास करेगी माकपा मोल्ला के संसदीय कार्यकाल के अनुभवों का लाभ उठाते हुए। मोल्ला पिछले लोकसभा चुनाव में सुल्तान अहमद से हार गये थे। तभी से वे किसान मोर्चा पर सक्रिय हैं।


अब अरसा बाद तेभागा और खाद्य आंदोलन,तेलंगना महा विद्रोह के बाद किसान सभा फिर जंगी ांदोलन की राह पर है। बंगाल में नक्सलबाड़ी अभ्युत्थान और उसके दमन के बाद से किसान सभा जंगी आंदोलन का रास्ता छोड़कर बैठकों और रपटों में सीमाबद्ध हो गयी थी। माकपा में रहते हुए कृषि पर चारु मजुमदार के दस्तावेजों के बाद किसानसभा के लिए कोई परिकल्पना फिर नहीं हुई। लेकिन बंगाल में पैतीस साल के वाम शासन के अवसान के बाद खोये हुए जनाधार को वापस पाने के लिए माकपा के पास किसान सभा को पुन्रजीवित करने के सिवाय कोई दूसरा विकल्प भी नहीं है।


तमिलनाडु के कुडनुर में  किसान सभा के 33 वें राष्ट्रीय सम्मेलन में इसी रणनीति के तहत बंगाल के पूर्व सांसद हन्नान मोल्ला को महासचिव चुना गया है। माकपा को उम्मीद है कि 24 परगना के सक्रिय किसान नेता पूर्व मंत्री रज्जाक मोल्ला के साथ हन्नान की युगल बंदी से बेदखल ग्राम बांग्ला में माकपा की वापसी की लड़ाई जंगी किसान आंदोलन के जरिये ही शुरु होगी।रज्जाक ने पार्टी को भरोसा दिलाया है कि वे हर कदम पर हन्नान का साथ देंगे।रज्जाक मोल्ला इस सम्मेलन में अनुपस्थित थे, लेकिन उन्हें उनकी गैरमौजूदगी में सहसभापति चुना गया है। उन्होंने भी खुशी खुशी यह कार्यभार ग्रहण कर लिया है।राजस्थान के विधायक अमरा राम किसान सभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष चुने गये हैं।


मालूम हो की पार्टी के खेत मजदूर संगठन में लंबे अरसे से काम कर रहे हन्नान को किसानों के बीच गहरी पैठ है और कृषि समस्याओं की खूब जानकारी है।रज्जाक और वे ग्राम बांग्ला में सत्ता के खिलाफ प्रतिरोध की किलेबंदी करेंगे ,माकपा नेतृत्व को इसकी पूरी उम्मीद है।उत्तर व 24 परगना में रज्जाक की कामयाबी वापसी के संकेतों से साबित भी हो गयी है।उस तुलना में माकपा को हावड़ा में अभी जमीन बनाने के लिए काफी मेहनत करनी होगी।


हन्नान मोल्ला का कहना है कि वे किसान सभा के नेतृत्व के सफेदपोश शूट टाई नेतृत्व की छवि तोड़ने से शुरुआत करेंगे। उनके मुताबिक किसानों की आम समस्याओं को लेकर जनांदोलन अब किसान सभा का मुख्य काम होगा।किसान सभा जरुरी मुद्दों को लेकर सड़कों पर उतरेगी।मोल्ला के लिए राहत की बात यह है कि सत्ता से बेदखल होने के बावजूद बंगाल में करीब साल भर में किसान सभा के पांच लाख नये सदस्य बने हैं।









No comments:

Post a Comment

Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...

Welcom

Website counter

Census 2010

Followers

Blog Archive

Contributors