Wednesday, August 28, 2013

छात्रों को होलटाइमर बनायेंगी दीदी

छात्रों को होलटाइमर बनायेंगी दीदी


एक्सकैलिबर स्टीवेंस विश्वास​



वामपंथियों और भाजपा की तरह तृणमूल कांग्रेस को भी पार्टी सुप्रीमो ममता बनर्जी कैडर आधारित बनाने  जा रही हैं।उन्होंने पार्टी संगठन को मजबूत करने के लिए छात्रों को होलटाइमर बनाने का ऐलान कर दिया है। माकपा की होलटाइमर आधारित राजनीति का कड़ा जवाब देने का मन बना लिया है दीदी ने।उन्होंने इसकी प्रक्रिया बी शुरु कर दी है। इच्छुक छात्रों से दीदी ने सीधे तृणमूल भवन तिलजला पहुंचकर अपना अपना बायोडाटा जमा करने के लिए कह दिया है।


गौरतलब है कि वामपंथियों ने भी अपना जनाधार बढ़ाने के लिे छात्र युवाशक्ति का भरपूर इस्तेमाल किया है।अब दीदी भी उसी रास्ते पर चल रही हैं।


तृणमूल छात्र परिषद की रैली में दीदी ने कहा कि चुने गये छात्रों को वे खुद इंडोर स्टेडियम में प्रशिक्षण देंगी।इन होलटाइमरों को पार्टी की ओर से दिये जाने वाली माहवार रकम के बारे में दीदी ने हासांकि खुलासा नहीं किया है। जिन संगठनों के होलटाइमर हैं,उन्हें खर्च चलाने के लिए संगठन से निश्चित रकम नियमित दिये जाने की व्यवस्था भी होती है।बहरहाल  मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने राज्य के छात्रों से अपनी शक्ति पहचानने और दिल्ली में सत्ता परिवर्तन का कारक बनने का आह्वान किया है। उन्होंने कहा कि लम्बे संघर्ष के बाद जिस तरह बंगाल में वाममोर्चा सत्ता का परिवर्तन संभव हुआ उसी तरह अब दिल्ली में भी परिवर्तन सुनिश्चित करना होगा।


शांतिपूर्ण होंगे  छात्रसंघ चुनाव


दीदी ने इस रैली में शिक्षण संस्थानों में शांतिपूर्ण चुनाव कराने की प्राथमिकता बताते हुए वहां अराजकता और उत्तेजना के लिए एकमुश्त माकपा,कांग्रेस और भाजपा को जिम्मेदार ठहरा दिया और कहा कि उन्हेंने शिक्षा मंत्री को बता दिया है कि छात्रसंघ चुनाव निर्विघ्न होने चाहिए।


मुख्यमंत्री ने यह भी साफ कर दिया कि राज्य की शिक्षण संस्थाओं में शैक्षणिक व गैरशैक्षणिक नियुक्ति में पारदर्शी बरती जायेगी।जिनके नाम बेरोजगार बतौर पंजीकृत हैं, उन्हीं को नौकरियां मिलेंगी।दूसरों को नही।


दिल्ली में परिवर्तन के कारक


मुख्यमंत्री ममता बनर्जी मंगलवार मेयो रोड पर तृणमूल छात्र परिषद स्थापना के दिवस पर आयोजित विशाल सभा को संबोधित कर रही थीं। अपने संबोधन में ममता ने कांग्रेस का नाम लिए बिना उस पर करारा हमला किया और कहा कि इसकी नीतियों से हर रोज आवश्यक वस्तुओं की कीमत बढ़ती जा रही है और आम आदमी का जीना दूभर हो गया है। कुछ लोग देश को बेच कर अपना स्वार्थ सिद्ध कर रहे हैं। उन्होंने सभा में उपस्थित हजारों छात्रों से पूछा क्या आप दिल्ली में परिवर्तन का कारक बनेंगे और छात्रों ने समवेत ध्वनि में हाथ उठाया।


ममता ने छात्रों से कहा कि उन्हें ऊंचा आदर्श लेकर चलना होगा, तथा सिर्फ एक नौकरी भर का सपना नहीं देखना चाहिए। अपने को ऐसा बनाना होगा कि आप दूसरों को नौकरी दे सके। मुख्यमंत्री ने अपना उदाहरण देते हुए कहा कि मैं भी नौकरी कर सकती थी लेकिन मैंने जनसेवा को चुना और आज आप सबकी सेवा कर रही हूं। ममता ने कहा कि जब मैं विपक्ष में थी और राजनीतिक संघर्ष कर रही थी तब 18 घंटे परिश्रम करती थी आज 20 घंटे परिश्रम करती हूं। उन्होंने ने छात्रों से सब को साथ लेकर चलने, सबकी बात सुनने व बड़ों का सम्मान करने की नसीहत दी। इस मौके पर उन्होंने कहा कि राज्य सरकार छात्रों के लिए नेतृत्व कला प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू करने पर विचार कर रही है। जल्द ही इसकी रूपरेखा प्रस्तुत की जाएगी।


शिक्षकों को नंबर देंगे छात्र


इसी बीच,पश्चिम बंगाल के डिग्री कॉलेजों में अब छात्र भी शिक्षकों को नंबर देंगे। मकसद शिक्षकों को ज्यादा जवाबदेह बनाना है। क्या आपके शिक्षक नियमित रूप से कक्षा में आते हैं., क्या किसी विषय के कुछ खास हिस्सों, जिनको आप कक्षा में नहीं समझ सके हैं, उन पर स्पष्टीकरण के लिए आप कक्षा से बाहर संबंधित शिक्षक से बात कर सकते हैं, क्या शिक्षकों को लेक्चर से आपको फायदा हुआ, अगर इन तमाम सवालों के जवाब 'ना' में हैं तो छात्र शिक्षक आकलन फार्म में इसका जिक्र कर सकते हैं।


पश्चिम बंगाल में उच्च शिक्षा परिषद ने अब एक ऐसी योजना तैयार की है जिसके तहत कक्षा में छात्र भी अब अपने शिक्षकों को नंबर देंगे। अब तक यह मामला एकतरफा ही था। यानी शिक्षक ही छात्रों को नंबर देते आए थे। नई व्यवस्था के तहत अंतिम वर्ष के हर छात्र को एक फार्म दिया जाएगा जिसमें वे शिक्षकों को नियमित कक्षा में नहीं आने, संबंधित विषयों को ठीक से नहीं पढ़ाने आदि मुद्दे पर नंबर देंगे। इसका व्यवस्था का मकसद शिक्षकों को और जवाबदेह बनाना है।


पश्चिम बंगाल राज्य उच्च-शिक्षा परिषद के अध्यक्ष सुगत मार्जीत बताते हैं, "हमें राज्य सरकार के विश्वविद्यालयों के वाइस-चांसलरों से प्रश्नावली का प्रारूप मिल गया है। इनकी भाषा अलग हो सकती है। लेकिन उनका मकसद एक ही है। सबने इस आकलन को उद्देश्यपूर्ण बनाने का प्रयास किया है। विश्वविद्यालयों के साथ विचार-विमर्श के बाद इस आकलन फार्म को अंतिम रूप दिया जाएग।"


जाहिर है कि ममता बनर्जी शैक्षणिक संस्थानों में छात्रों की निर्णायक भूमिका देने की योजना पर अमल करने लगी हैं।



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