Thursday, January 28, 2016

ॐ श‌ब्द ही ब्रह्म है.. ॐ श‌ब्द्, और श‌ब्द, और श‌ब्द, और श‌ब्द ॐ प्रण‌व‌, ॐ नाद, ॐ मुद्रायें ॐ व‌क्तव्य‌, ॐ उद‌गार्, ॐ घोष‌णाएं ॐ भाष‌ण‌... ॐ प्रव‌च‌न‌... ॐ हुंकार, ॐ फ‌टकार्, ॐ शीत्कार ॐ फुस‌फुस‌, ॐ फुत्कार, ॐ चीत्कार ॐ आस्फाल‌न‌, ॐ इंगित, ॐ इशारे ॐ नारे, और नारे, और नारे, और नारे ॐ स‌ब कुछ, स‌ब कुछ, स‌ब कुछ ॐ कुछ न‌हीं, कुछ न‌हीं, कुछ न‌हीं ॐ प‌त्थ‌र प‌र की दूब, ख‌रगोश के सींग ॐ न‌म‌क-तेल-ह‌ल्दी-जीरा-हींग ॐ मूस की लेड़ी, क‌नेर के पात ॐ डाय‌न की चीख‌, औघ‌ड़ की अट‌प‌ट बात ॐ कोय‌ला-इस्पात-पेट्रोल‌ ॐ ह‌मी ह‌म ठोस‌, बाकी स‌ब फूटे ढोल‌ ............. ॐ द‌लों में एक द‌ल अप‌ना द‌ल, ॐ ॐ अंगीक‌रण, शुद्धीक‌रण, राष्ट्रीक‌रण ॐ मुष्टीक‌रण, तुष्टिक‌रण‌, पुष्टीक‌रण ॐ ऎत‌राज़‌, आक्षेप, अनुशास‌न ॐ ग‌द्दी प‌र आज‌न्म व‌ज्रास‌न ॐ ट्रिब्यून‌ल‌, ॐ आश्वास‌न ॐ गुट‌निरपेक्ष, स‌त्तासापेक्ष जोड़‌-तोड़‌ ॐ छ‌ल‌-छंद‌, ॐ मिथ्या, ॐ होड़‌म‌होड़ ॐ ब‌क‌वास‌, ॐ उद‌घाट‌न‌ ॐ मारण मोह‌न उच्चाट‌न‌ .......................... ॐ छूः छूः फूः फूः फ‌ट फिट फुट ॐ श‌त्रुओं की छाती पर लोहा कुट ॐ भैरों, भैरों, भैरों, ॐ ब‌ज‌रंग‌ब‌ली ॐ

हाजिर हैं ........... !

Ramji Rai's photo.
Ramji Rai with Manju Dwivedi and 3 others.

मैंने अभी उदय प्रकाश के एक पोस्ट में बाबा नागार्जुन की एक सामान्य लेकिन अद्भुत तस्वीर देखी और बरबस मुंह से निकला वाह बाबा अर्जुन नागा! (उनकी एक कविता में अपना ही दिया नाम) और याद आई उनकी "मंत्र" कविता। उस तस्वीर और उसके साथ "मंत्र" कविता के कुछ अंश देने का लोभ संवरण मैं नहीं कर पाया, इसके लिए क्षमा-प्रार्थी हूँ-

ॐ श‌ब्द ही ब्रह्म है..
ॐ श‌ब्द्, और श‌ब्द, और श‌ब्द, और श‌ब्द
ॐ प्रण‌व‌, ॐ नाद, ॐ मुद्रायें
ॐ व‌क्तव्य‌, ॐ उद‌गार्, ॐ घोष‌णाएं
ॐ भाष‌ण‌...
ॐ प्रव‌च‌न‌...
ॐ हुंकार, ॐ फ‌टकार्, ॐ शीत्कार
ॐ फुस‌फुस‌, ॐ फुत्कार, ॐ चीत्कार
ॐ आस्फाल‌न‌, ॐ इंगित, ॐ इशारे
ॐ नारे, और नारे, और नारे, और नारे

ॐ स‌ब कुछ, स‌ब कुछ, स‌ब कुछ
ॐ कुछ न‌हीं, कुछ न‌हीं, कुछ न‌हीं
ॐ प‌त्थ‌र प‌र की दूब, ख‌रगोश के सींग
ॐ न‌म‌क-तेल-ह‌ल्दी-जीरा-हींग
ॐ मूस की लेड़ी, क‌नेर के पात
ॐ डाय‌न की चीख‌, औघ‌ड़ की अट‌प‌ट बात
ॐ कोय‌ला-इस्पात-पेट्रोल‌
ॐ ह‌मी ह‌म ठोस‌, बाकी स‌ब फूटे ढोल‌

.............

ॐ द‌लों में एक द‌ल अप‌ना द‌ल, ॐ
ॐ अंगीक‌रण, शुद्धीक‌रण, राष्ट्रीक‌रण
ॐ मुष्टीक‌रण, तुष्टिक‌रण‌, पुष्टीक‌रण
ॐ ऎत‌राज़‌, आक्षेप, अनुशास‌न
ॐ ग‌द्दी प‌र आज‌न्म व‌ज्रास‌न
ॐ ट्रिब्यून‌ल‌, ॐ आश्वास‌न
ॐ गुट‌निरपेक्ष, स‌त्तासापेक्ष जोड़‌-तोड़‌
ॐ छ‌ल‌-छंद‌, ॐ मिथ्या, ॐ होड़‌म‌होड़
ॐ ब‌क‌वास‌, ॐ उद‌घाट‌न‌
ॐ मारण मोह‌न उच्चाट‌न‌

.......................... 
ॐ छूः छूः फूः फूः फ‌ट फिट फुट
ॐ श‌त्रुओं की छाती पर लोहा कुट
ॐ भैरों, भैरों, भैरों, ॐ ब‌ज‌रंग‌ब‌ली
ॐ बंदूक का टोटा, पिस्तौल की न‌ली
ॐ डॉल‌र, ॐ रूब‌ल, ॐ पाउंड
ॐ साउंड, ॐ साउंड, ॐ साउंड

ॐ ॐ ॐ
ॐ ध‌रती, ध‌रती, ध‌रती, व्योम‌, व्योम‌, व्योम‌, व्योम‌
ॐ अष्ट‌धातुओं के ईंटो के भ‌ट्टे
ॐ म‌हाम‌हिम, म‌हम‌हो उल्लू के प‌ट्ठे
ॐ दुर्गा, दुर्गा, दुर्गा, तारा, तारा, तारा
ॐ इसी पेट के अन्द‌र स‌मा जाय स‌र्व‌हारा
ह‌रिः ॐ त‌त्स‌त, ह‌रिः ॐ त‌त्स‌त‌


--
Pl see my blogs;


Feel free -- and I request you -- to forward this newsletter to your lists and friends!

No comments:

Post a Comment

Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...

Welcom

Website counter

Census 2010

Followers

Blog Archive

Contributors