Sunday, July 1, 2012

Fwd: तुम्हारा अंजाम यही हो सकता था, यशवंत!



---------- Forwarded message ----------
From: Journalist Community <admin@journalistcommunity.com>
Date: 2012/7/1
Subject: तुम्हारा अंजाम यही हो सकता था, यशवंत!
To: admin@journalistcommunity.com


अपने अनुभव से मैं ये मान के चल रहा हूँ कि विनोद कापड़ी और उनकी पत्नी के साथ वे किसी भी हद तक गए होंगे. क्या कसूर है उनका? क्या ये कि उन ने प्रेम किया और शादी कर ली? पत्रकार के रूप में दोनों का गुनाह क्या है और उनके निजी जीवन में झाँकने का आपको हक़ क्या? आपको उनके किसी लिखे, कहे पे कोई आपत्ति नहीं है तो फिर आप उनको फोन, एस.एम.एस. कर ही क्यों रहे हो? कर रहे तो कैसे न मान लें कि उसके पीछे आपका कोई दुर्भाव नहीं रहा होगा. मार देने का न सही, पैसे मांगने का. पैसे जो आप को किसी भी कीमत पर चाहिए. सिर्फ अपनी साईट चलाने नहीं, खुद आपके मुताबिक़ दारू पीने, पिलाने और उस के अलावा अपने रिश्तेदारों के खिलाफ पुलिस कारवाई में मदद के लिए भी. http://journalistcommunity.com/index.php?option=com_content&view=article&id=1653:2012-07-01-08-49-16&catid=34:articles&Itemid=54

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