प्रणव मुखर्जी को मिल रहा है सहयोगी दलों का समर्थन
राष्ट्रपति पद के चुनाव के लिए अगले सप्ताह औपचारिक अधिसूचना जारी हो सकती है और इस बीच इस शीर्ष संवैधानिक पद के लिए प्रणव मुखर्जी को कांग्रेस के सहयोगी दलों का समर्थन मिलता दिखाई दे रहा है। कांग्रेस कार्यसमिति ने पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी को इस शीर्ष पद के लिए उम्मीदवार का नाम तय करने के लिहाज से अधिकृत किया है और उन्होंने पिछले कुछ दिनों में सहयोगी दलों से इस बाबत चर्चा की है।
इन्हीं चर्चाओं के बीच द्रमुक नेताओं टी आर बालू और एम के स्टालिन ने कल सोनिया गांधी से यहां मुलाकात की थी। दो दिन पहले ही रालोद अध्यक्ष और नागरिक उड्डयन मंत्री अजित सिंह ने कांग्रेस अध्यक्ष से बातचीत की थी। कांग्रेस और उसके सहयोगी दल इस मुद्दे पर कुछ स्पष्ट नहीं कर रहे हैं लेकिन जानकार सूत्रों की मानें तो केंद्रीय वित्त मंत्री मुखर्जी को सहयोगी दलों का समर्थन मिलता दिख रहा है। संप्रग सरकार को बाहर से सहयोग दे रही सपा ने भी मुखर्जी को समर्थन जताया है। उनके नाम पर लालू प्रसाद की राजद तथा राजग सहयोगी जदयू भी सहमत दिखाई देते हैं।
सूत्रों ने कहा कि सोनिया राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार की औपचारिक घोषणा से पहले अगले कुछ दिन तक इस संबंध में विचार विमर्श जारी रखेंगी। बालू और स्टालिन ने दिल्ली में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से भी मुलाकात की थी। सोनिया से बातचीत के बाद उन्होंने मुखर्जी से भी भेंट की। मुलाकात के बाद स्टालिन ने संवाददाताओं को बताया कि कुछ हफ्ते पहले चेन्नई में एक बैठक में रक्षामंत्री एके एंटनी से द्रमुक प्रमुख ने जो भी कहा था, वही इस मुद्दे पर पार्टी का रुख है ।
करूणानिधि ने कहा था कि अगर केन्द्रीय वित्त मंत्री को संप्रग की ओर से राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार चुना जाता है तो उन्हें कोई आपत्ति नहीं है। सोनिया ने पिछले माह पार्टी के वरिष्ठ नेता एंटनी को चेन्नई भेजा था ताकि इस मुद्दे पर द्रमुक प्रमुख एम करूणानिधि को साथ लिया जा सके।
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