उत्तर प्रदेश में लैपटॉप क्रांति का आगाज

उत्तर प्रदेश सरकार ने आज विद्यार्थियों को मुफ्त टैबलेट कम्प्यूटर और लैपटाप देने के चुनावी वादे पर अमल से सम्बन्धित विस्तृत दिशानिर्देश जारी कर दिये। प्रदेश के मुख्य सचिव जावेद उस्मानी ने राज्य के माध्यमिक शिक्षा निदेशक, सभी मण्डलायुक्तों तथा जिलाधिकारियों को लिखे पत्र में विद्यार्थियों को मुफ्त टैबलेट और लैपटाप देने सम्बन्धी निर्देश जारी करते हुए बताया कि इस योजना के सफलतापूर्वक लागू करने के लिये विशेष परियोजना क्रियान्वयन इकाई गठित करने का निर्णय लिया गया है।
उन्होंने पत्र में कहा है कि इस इकाई का गठन होने तक योजना से सम्बन्धित कार्य संचालन का जिम्मा उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद को दिया गया है। साथ ही इस योजना के तहत टैबलेट अथवा लैपटाप खरीदने के लिये उत्तर प्रदेश इलेक्ट्रानिक्स कारपोरेशन लिमिटेड को अधिकृत किया गया है। उस्मानी ने खत में कहा कि योजना के तहत सबसे पहले राजकीय विद्यालयों के पात्र छात्र-छात्राओं को टैबलेट या लैपटाप दिया जाएगा। उसके बाद अशासकीय सहायता प्राप्त, मदरसा बोर्ड से मान्यता प्राप्त अरबी तथा फारसी मदरसे अथवा माध्यमिक संस्कृत शिक्षा परिषद से मान्यता प्राप्त स्कूलों, उसके बाद वित्तविहीन स्कूलों और सबसे अंत में सीबीएसई अथवा आईसीएससी बोर्ड से मान्यता प्राप्त स्कूलों के विद्यार्थियों को टैबलेट या लैपटाप दिया जाएगा।
पत्र में वर्णित दिशानिर्देशों के मुताबिक इस साल 10वीं कक्षा पास करके 11वीं में दाखिल लेने वाले छात्र-छात्राओं की सूची माध्यमिक शिक्षा परिषद के मान्यता प्राप्त विद्यालयों के प्रधानाचार्य द्वारा बनायी जाएगी, जिसे सम्बन्धित जिला विद्यालय निरीक्षक को उपलब्ध कराया जाएगा। जिला विद्यालय निरीक्षक अपने जिले की तहसीलवार सूची संकलित करके उसे सम्बन्धित मुख्य विकास अधिकारी अथवा नामित अपर जिलाधिकारी को उपलब्ध कराएंगे, जो उसे माध्यमिक शिक्षा निदेशक को प्रेषित करेंगे। उसके बाद उस सूची को उत्तर प्रदेश इलेक्ट्रानिक कारपोरेशन तथा विशेष परियोजना क्रियान्वयन इकाई को भेजा जाएगा। इसी तरह इस साल 12वीं कक्षा उत्तीर्ण करके उच्च शिक्षा के लिये दाखिला लेने वाले छात्र-छात्राओं की सूची सम्बन्धित शैक्षिक संस्थानों के प्रधानाचार्य अथवा प्रबंधतंत्र के अध्यक्ष के माध्यम से सम्बन्धित जिले के मुख्य विकास अधिकारी या नामित अपर जिलाधिकारी को भेजी जाएगी। वे उस सूची को जिलाधिकारी के माध्यम से उत्तर प्रदेश इलेक्ट्रानिक कारपोरेशन तथा विशेष परियोजना क्रियान्वयन इकाई को भेजेंगे।
मुख्य सचिव ने पत्र में कहा है कि अगर किसी विद्यालय द्वारा टैबलेट अथवा लैपटाप के लिये उपलब्ध करायी गयी सूची में अगर किसी अपात्र विद्यार्थी का नाम शामिल किया जाता है या किसी अन्य तरह की गड़बड़ी होती है तो सम्बन्धित प्रधानाचार्य अथवा प्रबंधतंत्र के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। खत में कहा गया है कि जिलों में योजना का सुचारू रूप से क्रियान्वयन सम्बन्धित जिलाधिकारी की अध्यक्षता में गठित समिति द्वारा किया जाएगा। उस्मानी ने निर्देश दिये हैं कि हर जिले में लैपटाप या टैबलेट वितरण का केन्द्र तहसील मुख्यालय पर होगा और इसके लिये जिलाधिकारी द्वारा तहसीलवार या विद्यालयवार वितरण रोस्टर तैयार कराया जाएगा।
मुख्य सचिव ने पत्र में कहा है कि वितरण के वक्त सम्बन्धित मुख्य विकास अधिकारी, अपर जिलाधिकारी, सम्बन्धित उप जिलाधिकारी एवं तहसीलदार, जिला विद्यालय निरीक्षक, सम्बन्धित विद्यालयों के प्रधानाचार्य एवं उनके द्वारा प्रशिक्षण के लिये नामित अध्यापक की मौजूदगी जरूरी होगी। ज्ञातव्य है कि राज्य की मंत्रिपरिषद ने गत 29 जून को ऐसे छात्रों को मुफ्त टैबलेट देने का निर्णय लिया था जो वर्ष 2012 की उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद, इलाहाबाद की हाईस्कूल, माध्यमिक संस्कृत शिक्षा परिषद की पूर्व मध्यमा परीक्षा, मदरसा शिक्षा परिषद के मुंशी एवं मौलवी, सीबीएसई अथवा आईसीएससी से 10वीं कक्षा पास करके 11वीं में प्रवेश लेंगे। इसके अलावा मान्यता प्राप्त आईटीआई एवं पालीटेक्निक के ऐसे छात्र-छात्राओं को भी टैबलेट उपलब्ध कराया जाएगा, जिनके पाठ्यक्रम में प्रवेश की न्यूनतम अर्हता हाईस्कूल अथवा समकक्ष होगी। लैपटाप उन छात्रों को दिये जाएंगे, जो वर्ष 2012 की माध्यमिक शिक्षा परिषद इलाहाबाद की इंटरमीडियट, माध्यमिक संस्कृत शिक्षा परिषद की मध्यमा परीक्षा, मदरसा शिक्षा परिषद की आलिम परीक्षा, सीबीएसई अथवा आईसीएससी से 12वीं कक्षा पास करके उच्च शैक्षणिक संस्थाओं में प्रवेश लेंगे।
गौरतलब है कि राज्य में गत विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी ने हाईस्कूल तथा इंटरमीडियट पास करने वाले विद्यार्थियों को क्रमश: टैबलेट तथा लैपटाप मुफ्त देने का वादा किया था।
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