RIHAI MANCH
(Forum for the Release of Innocent Muslims imprisoned in the name of Terrorism)
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साम्प्रदायिक सरकार के खिलाफ कल 15 सितम्बर को अवाम विधान सभा पर करेगी
मशाल मार्च- रिहाई मंच
सरकारी उलेमा सरकार को क्लीनचिट देकर दंगा पीड़ितों के जख्मों पर छिड़क रहे हैं नमक
आरडी निमेष रिपोर्ट को लागू करवाने के लिए बड़ी तादाद में शिरकत करे अवाम
लखनऊ, 14 सितम्बर 2013, रिहाई मंच धरना 116 वां दिन। रिहाई मंच के
अध्यक्ष मोहम्मद शुऐब ने कहा कि प्रदेश की अवाम को आगामी 16 सितंबर से
होने वाले विधानसभा सत्र का बेसब्री से इंतजार है। रिहाई मंच पिछले चार
महीने से मौलाना खालिद के इंसाफ के लिए विधानसभा पर बैठा है कि सरकार
आरडी निमेष रिपोर्ट को सदन के पटल पर कार्रवाई रिपोर्ट के साथ रखते हुए
दोषी पुलिस व आईबी अधिकारियों के खिलाफ कार्यवाई करे और तारिक कासमी की
रिहाई सुनिश्चित करे। वादे के मुताबिक हम अखिलेश यादव से कहना चाहेंगे कि
वो निमेष रिपोर्ट को सदन के पटल पर रखें और सदन में इस बात पर जरुर बहस
होनी चाहिए कि आखिर एक मुसलमानों को किन नीतियों के तहत आतंकवाद के आरोप
में फर्जी तरीके से फंसाया जाता है। क्योंकि निमेष आयोग रिपोर्ट ने जो
चिंता व्यक्त की है वो सिर्फ यूपी ही नहीं पूरे देश के मुस्लिम समुदाय से
जुड़ी है। जिसके तहत एक धर्म विशेष के लोगों को सुरक्षा एजेंसियां फर्जी
बरामदगी दिखा कर के सालों-साल जेल की सलाखों के पीछे रहने को मजबूर कर
देती हैं। निमेष आयोग रिपोर्ट पर जेल में बंद सैकड़ों बेगुनाहों और उनके
परिवारों की नजर है।
इंडियन नेशनल लीग के राष्ट्रीय अध्यक्ष मोहम्मद सुलेमान ने कहा कि
बेगुनाहों की लड़ाई के इस आंदोलन का कल का दिन एक ऐतिहासिक दिन है जब
आतंकवाद के नाम पर कैद बेगुनाहों के हक में अवाम मशाल लेकर सड़क पर
उतरेगी। मशाल अन्धकार को दूर करने के लिए जलाई जाती है। कल के मशाल जुलूस
का नाम भी इसीलिए रिहाई मशाल मार्च रखा गया ताकि सांप्रदायिकता के अंधेरे
में कैद अवाम को मुक्त कराया जाए। हम सभी इंसाफ पसंद अवाम से अपील करेंगे
की कल शाम 6 बजे विधानसभा पर निकलने वाले इस मशाल जुलूस में बड़ी तादाद
में शिरकत करते हुए रिहाई मंच के घेरा डालो-डेरा डालो आंदोलन को सफल
बनाए। यह लड़ाई उन बच्चों के लिए है जो या फिर जेलों में बंद हैं या फिर
जिन्हें इंसाफ मिलने से पहले ही कत्ल कर दिया तो ऐसे में जब दोनों की
हमारे बीच में नहीं हैं तो हमारी जिम्मेदारी और भी बढ़ जाती है।
धरने को संबोधित करते हुए सामाजिक न्याय मंच के राघवेन्द्र प्रताप सिंह
ने कहा कि उत्तर प्रदेश में अखिलेश राज द्वारा अस्थान से लेकर कोसी कलां
फैजाबाद और हालिया मुजफ्फर नगर में ठंडे दिमाग से दंगे प्रायोजित कराये
गये जिसके परिणाम स्वरूप पूरे सूबे का मुसलमान इन दिनों बेहद सकते में
है। यह बेहद शर्मनाक है कि सपा सरकार मुसलमानों के जख्मों में मरहम
लगाने के बजाय सपा के मुस्लिम चेहरे आजम के मान मनौव्वल में लगी है। पूरे
सूबे के अपराधी माफिया सरकार बनने के बाद साइकिल की सवारी कर रहे हैं।
उत्तर प्रदेश सरकार रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भइया को लोक सभा चुनाव
के पहले सरकार में शामिल करने को बेताब है। लेकिन मुलायम और अखिलेश को यह
बात समझना चाहिए कि सूबे की आवाम उनके वादा फरोश चेहरे को पहचान चुकी है।
इसलिए अपराधी माफिया और ठेकेदारों की बदौलत लोकसभा चुनाव में समाजवादी
पार्टी कुछ हासिल नहीं कर पाएगी।
इस अवसर पर रिहाई मंच के प्रवक्ता राजीव यादव अऔर शाहनवाज आलम ने बताया
कि घेरा डालो-डेरा डालो आंदोलन को सफल बनाने के लिए लखनऊ के बिलौजपुरा,
पुराना कसाईबाड़ा में जनसंपर्क किया गया तथा आगे भी कई मुहल्लों में आम
जनता के बीच रिहाई मंच सरकार की वादा फरामोशी को बेनकाब करता रहेगा।
आजमगढ़ से आए मुस्लिम मजलिस के नेता शाहआलम शेरवानी ने मुजफ्फरनगर
साम्प्रदायिक दंगों पर सरकार के पक्ष में नदवा कालेज के प्रिंसिपल मौलाना
सईदुर्रहमान आजमी और खालिद रशीद फिरंगीमहली द्वारा दिए गए बयानों पर
आपत्ती करते हुए कहा कि ऐसे समय में जब मुजफ्फरनगर के पीड़ित मुसलमान
खुलकर सपा सरकार पर दगंा कराने का आरोप लगा रहे हैं और वहां जाने वाले
सपा नेताओं को भगा दे रहे हैं, इन कथित उलेमाओं के इस तरह के बयान
पीड़ितों के जख्मों पर नमक छिड़कने जैसे हैं। ये उलमा जो अपने आप को इस्लाम
और उसके पैगम्बर का प्रवक्ता कहते हैं वे चंद पैसों के लिए दंगाई सरकार
के भोंपू बन गए हैं। मुसलमानों को आज सपा और भाजपा से कहीं ज्यादा खतरा
ऐसे सरकारी उलेमाओं से है।
मो0 इसहाक नदवी ने कहा कि मौजूदा सरकार में प्रदेश के हालात अंग्ररों के
दौर के हालात से मिलते जुलते हैं, और उन्हीं के फार्मूले -लड़ाओ और हुकूमत
करो- पर अमल किया जा रहा है। मुसलामनों को शिया सुन्नी, देवबंदी, बरेलवी
में बांट कर तो देश की जनता को हिन्दू मुस्लिम में बांट कर लड़ाने और
घोटालों पर घोटाले करके देश की दौलत को लूटने का काम जारी है। समाजवाद के
नाम पर गुंडाराज कायम है। जनता को माओवादी और आतंकवादी जैसे नामों से
भयभीत करके उनके मूल अधिकारों को छीनने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने
के कहा कि इन लोकतंत्र विरोधी नीतियों का परदा फाश करने के लिए जब रिहाई
मंच के इंसाफ पसन्द हिन्दू-मुस्लिम रहनुमा जनता को जागरूक कर रहे हैं और
जनता के हितों के लिए चार माह से धरने पर बैठे हैं तो इस जालिम हुकूमत की
नींद हराम हो गयी है और उसने फिर अंगेजों के फार्मूले को अपनाते हुए अपने
दरबारी उलामाओं को काम पर लगा दिया है जो अपने निजी फायदों के लिए दंगाई
सरकार को सेक्यूलर साबित करने की शर्मनाक कोशिशों में लगे हैं।
अब्दुल हलीम सिद्दीकी ने कहा कि अब जनता विशेष कर मुसलमानों के लिए फैसले
का वक्त आ गया है जब उन्हांेने खुली आंखो इन झूठे खुदाओं की बेबसी देख ली
है तो वे देश को इस मुसीबत से बचाने और अमन व इंसाफ कायम करने के लिए
रिहाई मंच के साथ आएं और 15 सितंबर को रिहाई मशाल मार्च में शामिल हों।
यूपी की कचहरियों में 2007 में हुए धमाकों में पुलिस तथा आईबी के
अधिकारियों द्वारा फर्जी तरीके से फंसाए गये मौलाना खालिद मुजाहिद की
न्यायिक हिरासत में की गयी हत्या तथा आरडी निमेष कमीशन रिपोर्ट पर
कार्रवायी रिपोर्ट के साथ सत्र बुलाकर सदन में रखने और आतंकवाद के नाम पर
कैद बेगुनाहों को छोड़ने की मांग को लेकर रिहाई मंच का धरना शुक्रवार को
115 वें दिन भी लखनऊ विधानसभा धरना स्थल पर जारी रहा।
द्वारा जारी-
शाहनवाज आलम, राजीव यादव
प्रवक्ता रिहाई मंच
09415254919, 09452800752
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Office - 110/60, Harinath Banerjee Street, Naya Gaaon Poorv, Laatoosh
Road, Lucknow
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