Tuesday, January 5, 2016

काफ़ी उम्र हो जाने के बाद वह थोड़ा विक्षिप्त हो गये थे. भेलुपुरा से पैदल गोदौलिया तक आते थे, सीपीआई दफ़्तर के नीचे सामने के फ़ुटपाथ पर खड़े-खड़े देर तक लाल झंडे को देखते थे. फिर वहां से दशाश्वमेध की ओर बढ़ जाते थे. वहां सीपीआईएम के दफ़्तर के नीचे खड़े होकर देर तक लाल झंडे को देखते रहते थे. कोई परिचित कामरेड मिल जाने पर कहते थे : दोनों को एक होना पड़ेगा. यह उनका रोज़ का काम था.


Ujjwal Bhattacharya
23 hrs · 

बनारस में एक वयोवृद्ध कामरेड थे त्रैलोक्यनाथ सरकार, बच्चे-बूढ़े सबके लिये सरकार दा. अपनी जवानी में वह अनुशीलन दल के क्रांतिकारी थे, फिर कम्युनिस्ट बने. पार्टी टूटने के बाद वह सीपीआईएम में गये, कुछ साल बाद सीपीआई में लौट आये.

काफ़ी उम्र हो जाने के बाद वह थोड़ा विक्षिप्त हो गये थे. भेलुपुरा से पैदल गोदौलिया तक आते थे, सीपीआई दफ़्तर के नीचे सामने के फ़ुटपाथ पर खड़े-खड़े देर तक लाल झंडे को देखते थे. फिर वहां से दशाश्वमेध की ओर बढ़ जाते थे. वहां सीपीआईएम के दफ़्तर के नीचे खड़े होकर देर तक लाल झंडे को देखते रहते थे.

कोई परिचित कामरेड मिल जाने पर कहते थे : दोनों को एक होना पड़ेगा.

यह उनका रोज़ का काम था.

Comments
Ashrut Parmanand
Ashrut Parmanand यह पागलपन ...आज सभी वामपन्थियों को करना ही होगा..
Like · Reply · 9 hrs
Bijay Kumar Verma
Bijay Kumar Verma Aaj kal sabhi left parties ko ek hona hi parega tabhi communist party majbot hogi aur desh me samjwad ka sapana pura hoga com. A.B. Bardhan ne bahut koshish ki ki left fornt ek ho lekin ek nahi huaa kin ek din ek hona hi parega
Like · Reply · 5 hrs
US Sharma
US Sharma लोकल नाम त्रिलोकी दादा smile emoticon
Like · Reply · 4 hrs
Samrat Vidrohi
Samrat Vidrohi सही कहते थे
Like · Reply · 2 hrs
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