Wednesday, August 1, 2012

Fwd: ऐ भगत सिंह तू जिंदा है- कबीर कला मंच का एक गीत



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From: reyaz-ul-haque <beingred@gmail.com>
Date: 2012/8/1
Subject: ऐ भगत सिंह तू जिंदा है- कबीर कला मंच का एक गीत
To: alok putul <alokputul@gmail.com>


फिर से कबीर कला मंच का एक गीत. यह गीत सुनेंगे तो शायद समझ में आए कि निजाम में बैठे लोगों के लिए डफली बजा कर गीत गाने वाला यह सांस्कृतिक संगठन इतना खतरनाक क्यों लगने लगा था. कबीर कला मंच ने बाबा साहेब आंबेडकर के विचारों को देश के क्रांतिकारी कम्युनिस्ट आंदोलन के संदर्भ में देखने का एक रचनात्मक नजरिया पेश किया. वे दलितों की मुक्ति का रास्ता तलाशने में लगे हुए थे कि पिछले साल पुलिस ने उनके कलाकारों के खिलाफ दमन अभियान शुरू किया. तब मंच को भूमिगत हो जाना पड़ा. इसके अधिकतर कलाकार अभी जेल में हैं और फिल्मकारों, कलाकारों, संस्कृतिकर्मियों का एक समूह कबीर कला मंच बचाव समिति के तहत उनकी रिहाई की मांग कर रहा है. 

यह गीत लिखा और गाया है शीतल साठे ने.

ऐ भगत सिंह तू जिंदा है हर एक लहू के कतरे में



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