आयटी कंपन्यांची ‘कॅश’मुळे ऐश
आयटी कंपन्यांची 'कॅश'मुळे ऐश
वृत्तसंस्था, नवी दिल्ली
भारतातील चार प्रमुख आयटी कंपन्यांची आर्थिक स्थिती एकदम भक्कम असून त्यांच्याकडे ५६ हजार कोटी रुपयांची (नऊ अब्ज अमेरिकी डॉलर) रोकड गंगाजळी असल्याचे रविवारी स्पष्ट झाले आहे. टीसीएस, इन्फोसिस, विप्रो आणि एचसीएल टेक्नॉलॉजीस या भारतातील चार प्रमुख आयटी कंपन्यांची ही गंगाजळी आहे. त्यामुळेच अमेरिकेतील अलीकडच्या परिस्थितीचा या आयटी कंपन्यांच्या व्यवसायावर आणि उत्पन्नावर काहीही परिणाम झालेला नाही, हे सिद्ध झाले आहे.
नारायण मूर्ती यांच्या नेतृत्त्वाखालील ' इन्फोसिस ' कडे सर्वाधिक रोख गंगाजळी असून ती चार कंपन्यांकडे असलेल्या एकूण रकमेच्या निम्मी आहे. त्यानंतर अझीम प्रेमजी यांच्या ' विप्रो ' आणि टाटा ग्रुपच्या 'टीसीएस ' चा क्रमांक लागतो. ' एचसीएल टेक्नॉलॉजी ' कडे उर्वरित तीन कंपन्यांच्या तुलनेत सर्वात कमी रोख शिल्लक आहे. चारही कंपन्यांच्या आर्थिक सुस्थितीचा फायदा या ना त्या रुपाने शेअरधारकांना होईल, या आशेमुळे कंपन्यांच्या शेअरचे भाव वधारले आहेत.
' बिग फोर '
> चार कंपन्यांकडे आठ अब्ज डॉलरची ' श्री ' शिल्लक
> एका वर्षात त्यात एक अब्ज डॉलरची वाढ
> इन्फोसिसकडे सर्वाधिक रोकड
> यामध्ये हातातील रोकड, बँकेतील शिल्लक आणि वित्तीय संस्थांतील गुंतवणुकीचा समावेश
> अमेरिकेतील परिस्थितीचा परिणाम नाही
कोण किती भक्कम?
(सर्व आकडे ३० सप्टें. २०१३ पर्यंतचे)
इन्फोसिस ४.३१ अब्ज डॉलर
विप्रो २.५ अब्ज डॉलर
टीसीएस १.२२ अब्ज डॉलर
' एचसीएल ' ०.९७ अब्ज डॉलर
वर्षभरात शेअर वधारले...
टीसीएस १५०० रुपयांवरून दोन हजारवर
इन्फोसिस २९०० वरून ३४०० रुपये
विप्रो ४४० वरून ४८० रुपयांवर
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