Sunday, August 25, 2013

रघुनाथपुर ताप विद्युत केंद्र के खिलाफ सिंगुर जैसा आंदोलन

रघुनाथपुर ताप विद्युत केंद्र के खिलाफ सिंगुर जैसा आंदोलन


एक्सकैलिबर स्टीवेंस विश्वास​


बंगाल में फिर सिंगुर जैसे आंदोलन की जमीन बन रही है। पुरुलिया जिले में एशिया में दूसरे बड़े ताप विद्युत केंद्र बनाने की दामोदर वैली कारपोरेशन की प्रगति थम गयी है जबकि छह हजार करोड़ रुपये के व्यय से छह सौ मेगावट उत्पादन क्षमते के दो इकाइयों का काम भी पूरा हो गया है। अब बाकी दो यूनिटों का काम पूरा किया जाना है,जिनमें 1320 मेगावट बिजली का उत्पादन होना है।इन यूनिटों पर दस हजार करोड़ रुपये खर्च होने हैं। लेकिन जमीन अधिग्रहण को लेकर विवाद हो जाने से परियोजना अधर में लटक गयी है।


मां माटी मानुष की सरकार जबरन जमीन अधिग्रहण के खिलाफ हैं और बिजली संयंत्रो को चालू करने के लिए जरुरी जलापूर्ति के लिे पाइप लाइन बिछाना ही असंभव हो गया है।


इस परियोजना को पंचेत जलाशय से पाइपलाइन के मार्फत जलापूर्ति होनी है और इसके लिए 51एकड़ जमीन का अधिग्रहण हो गया।लेकिन अनिछ्छुक किसानों ने जमीन के बदले मुआवजा का चेक लेने से ही िइंकार कर दिया है।


जाहिर है उस जमीन पर काम शुरु नहीं हो पा रहा है।


रघुनाथ पुर के महकमा शासक प्रणव विश्वास के मुताबिक 2007-2008 के दौरान नितुड़ियाब्लाक के हासपाथर,रायबांध, मोनाग्राम,सिधपुर,दुर्गापुर,वीरबलडी,बाथानबाड़ी, भुरकुंडाबाड़ी, शालतोड़ा,गुनियाड़ा समेत ग्यारह गांवों के डेढ़ हजारे किसानों के खेतों का ्धिग्रहण हो गया।लेकिन उन्होंने अभीतक चेक नहीं लिया यानी वे अपना जमीन बेजना नहीं चाहते। अभी 21,22 और 23 अगस्त को रायबांध गांव में शिविर लगाकर चेक बांटने की कोशिश की गयी। लेकिन तीन दिन में सिर्फ तीन किसानों ने चेक लिया बाकी किसानों ने शिविर का बायकाट कर दिया।


बाकायदा वहां जमीन बचाओ आंदोलन चल रहा है। भूमि रक्षा समिति के  सहसभापति निखिल मंडल ने मांग की है कि मुआवजा बाजार भाव के मुताबिक देना होगा। हर परिवार से कम से कम  एक व्यक्ति को नौकरी देनी होगी।इलाका का विकास करना होगा। समिति ने इस सिलसिले में ज्ञापन दिया हुआ है। पर मंडल का आरोप है कि ुस ज्ञापन पर प्रशासन ने गौर ही नहीं किया है।इसीलए कोई किसान चेक नहीं लेगा और भूमि रक्षासमिति का आंदोलन जारी रहेगा।


प्रशासन का इस पर दावा है कि किसान चाहे चेक ले या नहीं, जलापूर्ति के लिए पाइप लाइन का काम लंबे अरसे तक बंद नहीं रहेगा।समिति ने जवाब में सिंगुर नंदीग्रम की तरह आंदोलन की धमकी दी है।समिति के मुताबिक जब दीदी कानून बनाकर सिंगुर के किसानों को जमीन वापस दिलाने की बात कर रही है और नंदीग्राम में केमिकल हब ही रद्द हो गया तब उनकी जमीन जबरन कैसे ली जा सकती है।



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