एक तीर से दो निशाने साध लिये दीदी ने।धर्मतल्ला बसअड्डा अब मंदिरतला में नये राइटर्स इलाके में ही स्थानांतरित होगा!
एक्सकैलिबर स्टीवेंस विश्वास
एक तीर से दो निशाने साधने लगी हैं दीदी। हाईकोर्ट के आदेशानुसार लंबे अरसे से धर्मतल्ला बस अड्डे का स्थानंतरण का मामला लटका हुआ है तो दूसरी ओर पहली अक्तूबर से हावड़ा के मदिरतला के एचआरबीसी में राइटर्स के स्थानांतरण के लिए जलपथ का विकल्प अपनाने के बावजूद जेटियों को फेरी बढ़ाने लायक बनाने में अभी वक्त लगना है। हावड़ा शालीमार लोकल ट्रेन सेवा रेल मत्राल हाथ में होता, तो फटाक से शुरु कर सकती थी दीदी। यह फिलहाल अधीर बाबू की मर्जी पर है जिनसे जाहिरा तौर पर दीदी के मधुर संबंध नहीं है।ईस्ट वेस्ट मेट्रो अधर में है और मेट्रो रेल शालीमार तक पहुंचने में कितने साल लगेंगे,इसे वक्त ही बतायेगा।
दोनों उलझनों का एकमुश्त हल निकाल लिया है दीदी ने। धर्मतल्ला बसअड्डा और कहीं नहीं,अब मंदिरतला में नये राइटर्स इलाके में ही स्थानांतरित होगा।इससे सड़क पथ से ही बिना किसी झंझट कोलकाता हावड़ा यातायात सुगम होगा तो दूसरी तरफ हाईकोर्ट के आदेश का पालन भी हो जायगा।
छह एकड़ जमीन पर एचआरबीसी बसस्टैंड
अब एचआरबीसी के बगल में ही छह एकड़ जमीन पर एचआरबीसी बसस्टैंड बनेगा।स्ट्रैंड रोड,फोरशर रोड होकर मंदिरतला में बसें चलाने के विकल्प पर सोचा जा रहा है। ताकि विद्यासागर सेतु पर ज्यादा बोझ न हो। फिर धर्मतल्ला से बस अड्डा हटने के बाद विद्यासागर सेतु की दूरी उत्तर कोलकाता से बढ़ जायेगी।
सीधे हावड़ा स्टेशन से मंदिरतला
हावड़ा से सीधे मंदिरतला तक बसें उपलब्ध हों तो उपनगरों के लोगों को हुगली पार करने की झंझट नहीं होगी। सियालदह से भी उपनगरीय जनता स्ट्रैंड रोड, फोरशोर रोड होकर शिवपुर के मंदिरतला में बिना विद्यासागर सेतु के टौल टैक्स के राइटर्स तक आसानी से पहुंच सकेंगे।
दारोमदार मदनबाबू पर
इन रास्तों के मौजूदा हाल के मुताबिक यह कैसे संभव हो, परिवहन विभाग इस माथापच्ची में फंसे हैं। बहरहाल मदनबाबू दीदी का हुक्म तामील करने में कोई कोताही करेंगे,ऐसी आशंका की ही नहीं जा सकती।पुलिस को भी इस सिलसिले में ट्राफिक इंतजाम दुरुस्त करना होगा।बस की रुटों में भी व्यापक परिवर्तन की दरकारहोगी।
तो स्थाई राइटर्स मंदिरतला में ही
सारी दुनिया जानती है कि मां माटी सरकार की मुखिया वाम शासन में प्रदूषित राइटर्स में बैठना ही नहीं चाहतीं। वे कोलकाता लौटे भी तो सीएमओ भवन राइटर्स से अलग बनेगा,जहां बैठकर अवाम राजकाज चला सकें दीदी। लेकिन जिस तरह धर्मतल्ला से बस अड्डा हटाकर मंदिरतल्ला ले जाया जा रहा है,इतनी भारी कवायद दो चार महीने के अस्थाई बंदोबस्त के लिए नहीं है।हावड़ा के वाशिंदों को तसल्ली हो सकती है कि तमाम इंतजामात तदर्थ नहीं हैं चरित्र से।इसका सीधा मतलब यह हुआ कि अबकी दफा राजधानी सचमुच पक्के तौर पर हावड़ा ही है।
साठ रुटों की बसें नियमित
मंदिरतला टर्मिनस तक कोलकाता होकर कम से साठ रुटों की बसें चलेंगी,यह योजना बन गयी है। लंबी दूरियों की बसें बी जिलों से सीधे राइटर्स तक पहुंच सकें ,ऐसा इंतजाम हो रहा है।ताकि राज्य के मानुष को कोई असुविधा न हो दीदी के दरबार तक पहुंचने में।
यात्री सहूलियतों का भी इंतजाम
इस के लिए रास्ते में विश्राम कक्ष,शौचालय,टैक्सी स्टैंड, कैंटीन जैसी जरुरी यात्री सहूलियतों का भी इंतजाम भी हो रहा है। जाहिर है कि लोक निर्माम विभाग को अभी ौर कसरत करनी होगी।
तड़के तीन बजे से रात साढ़े दस तक
सरकारी प्रस्ताव के मुताबिक एचआरबीसी स्टैंड से तड़के तीन बजे पहली बस छूटेगी और रात के साढ़े दस बजे अंतिम बस रवाना होगी।हर रोज 187 बसें 587 ट्रिप पर चलेंगी एचआरबीसी बस टर्मिनस से।
मौके का मुआयना
मुख्यसचिव संजय मित्र और परिवहन सचिव आलापन बंद्योपाध्याय की अगुवाई में तमाम अफसरान ने मौके का मुआवना करके दीदी को रपट दे दी है।
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