Friday, September 13, 2013

नयाचर इको टूरिज्म केंद्र को पर्यावरण हरी झंडी के सवाल पर दीदी की केंद्र से ठन गयी

केंद्र रोजगार सृजन के कार्यक्रम बाधित कर रहा है,दीदी का आरोप

नयाचर  इको टूरिज्म केंद्र को पर्यावरण हरी झंडी के सवाल पर दीदी की केंद्र से ठन गयी

एक्सकैलिबर स्टीवेंस विश्वास​

केंद्र सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता अब लंबित परियोजनाओं को चालू करने की है। पर्यावरण हरी झंडी के लिए खनन से लेकर बिजली परियोजनाएं तक रुकी है। केंद्र सरकार इसके लिए सर्वदलीय सहमति बनाने की कोशिश में हैं। दूसरी ओर बंगाल की मुख्मंत्री ममता बनर्जी बंगाल में परियोजनाएं लटकने के लिए केंद्र सरकार को दोषी टहरा रही हैं।दीदी की शिकायत है कि उनकी शुरु की हुई रेल परियोजनाएं केंद्र सरकार की ओर से बजट प्रावधान न करने की वजह से अटक गयी है।अब उन्होंने दो कदम आगे बढ़कर केंद्र पर राज्य सरकार के रोजगार सृजन कार्यक्रम को बाधित करने का आरोप भी लगा दिया।


नयाचर को पर्यावरण हरी झंडी नहीं


कोलाघाट स्टेडियम में प्रशासनिक बैठक में दीदी ने आरोप लगाया कि पूर्व मेदिनीपुर के नया चर में इको ट्यूरिज्म हब के लिए केंद्र ने पर्यावरण हरी झंडी नहीं दी है जबकि इस कार्यक्रम से 10 हजार लोगों को रोजगार मिलेंगे। गौरतलब है कि दीदी रोजगार सृजन मुहिम चला रही हैं। उन्होंने लघु उद्योगों में एक करोड़ रोजगार देने का वायदा किया हुआ है।


सुंदररवन अलग जिला बनेगा


24 परगना विशाल क्षेत्रफल वाले इलाका होने की वजह से वाम शासन के दौरान प्रशासनिक सुविधा के लिहाज से िसका बंटवारा उत्तर और दक्षिण 24 परगना जिलों में कर दिया गया है। अब दीदी दक्षिण 24 परगना का भी बंटवारा करके बंगाल के डेल्टा क्षेत्र सुंदरवन को अलग जिला बनाने जा रही हैं।विश्व पर्यावरण के लिए यह मैनग्रोव वनक्षेत्र अत्यंत महत्वपूर्ण है। इसी सुंदरवन में बंगाल के बाघों का बसेरा है। लेकिन सुंदरवन का विकास हुआ ही नहीं है।राज्य के सबसे गरीब इलाकों में सुंदरवन आगे हैं।वनउपज पर ही लोगों की आजीविका निर्भर है और इसी सिलसिले में अक्सर लोग बाघों और मगरमच्छ का शिकार हो जाते हैं।


प्राइवेट पब्लिक माडल


जाहिर है कि दीदी सुंदरवन को अलग प्रशासनिक जिला बनाकर वहां भी इको पर्यटन का विकल्प अपनाना चाहती हैं। कृषि क्षेत्र में निजी पूंजी के सारे दरवाजे खोलकर वे बंधुआ खेती की अनुमति भी दे रही हैं निजी कंपनियं को। उनका विकास का माडल प्राइवेट पब्लिक पार्टनरशिप है। इसके उलट वामपंथियों ने हमेशा कृषि में निजी पूंजी की घुसपैठ का विरोध किया है।


मरीचझांपी नरसंहार


पर्यावरण संरक्षण की दलील देते हुए 1979 की जनवरी में पहली वाममोर्चा सरकार ने दंडकारण्य से सुंदरवन इलाके के गोसाबा क्षेत्र के मरीचझांपी द्वीप में दंडकरण्य से आ बसे शरणार्थियों को बेदखल किया।इस बेदखली में शरणार्थियों का बाघों का चारा भी बना दिया गया है।दीदी ने इस नरसंहार की जांच कराने का वायदा किया हुआ है। लेकिन जांच की घोषणा अभीतक हुई नहीं है।


विवाद बढ़ने की आशंका

वामपंथियों ने ही सत्ता में आने से पहले शरणार्थियों को मरीचझांपी में  बसने के लिए न्यौता दिया और फिर उन्हें बेरहमी से सुंदरवन इलाके के बाहर खदेड़ दिया। सुंदरवन के पर्यावरण  महत्व को देखते हुए कहा जा सकता है कि जब नया चर में केंद्र सरकार का पर्यावरण मंत्रालय इको ट्यूरिज्म की इजाजत नहीं दो रहा है तो सुंदरवन में ऐसी अनुमति दिये जाने की संभावना न के बराबर है।जबकि विकास के लिए शहरीकरण या औद्योगीकरण का कोई विकल्प वहां है ही नहीं।सुंदरवन को लेकर दीदी की केंद्र से जोरदार टकराव की आशंका है।


पर्यावरण संरक्षण


गौरतलब है कि नंदीग्राम भूमि आंदोलन की वजह से वहां बनने वाला केमिकल हब खारिज हो गया तो तत्कालीन वाम मोर्चा सरकार ने यह केमिकल हब नयाचर में ही बनाना तय किया था।पर्यावरण संरक्षण की दलील पर ही इस योजना का सिविल सोसाइटी और पर्यावरणविशेषज्ञों ने जोरदार विरोध किया था। दीदी ने सत्ता में आने के बाद वहां इको ट्यूरिजम हब बनाने की योजना बनायी है और इसे लेकर केंद्र सरकार से उनकी ठन गयी है


पर्यावरण बंधु उद्योग


नयाचर में पर्यावरण बंधु उद्योग लगाने के लिए प्रवासी बंगाली उद्योगपति प्रसून मुखर्जी और सरकार के बीच करार हुआ है। 3 नवंबर ,2011 को उद्योग मंत्री पार्थ चटर्जी की उपस्थिति में पश्चिम बंग औद्योगिक विकास निगम, उद्योग विभाग और मुखर्जी की कंपनी के अधिकारियों ने करार पर दस्तखत कर दिये। करार की शर्तों  के मुताबिक प्रसून मुखर्जी उन्नत मछली पालन केंद्र, इको टूरिज्म केंद्र, अत्याधुनिक विद्युत केंद्र तथा बहुद्देश्यीय इंडस्ट्रियल पार्क का निर्माण करेंगे। चारों परियोजनाओं में लगभग 50 हजार करोड़ रुपए का निवेश होगा।


चटर्जी ने  इस मौके पर कहा कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी शुरू से केमिकल हब निर्माण के खिलाफ थी, जिससे पर्यावरण को खतरा होने की आशंका थी। अब नयाचर में पर्यावरण बंधु उद्योग लगाने का रास्ता साफ हो गया। करार को मूर्त रूप देने के साथ वहां उद्योग लगाने में जो समस्याएं थीं, वे अब दूर हो गयी हैं। चटर्जी ने कहा कि 800 मछुआरों की जीविका की कारगर व्यवस्था होगी। पर्यावरण का भी नुकसान नहीं पहुंचेगा और रोजगार के अवसर बढ़ेंगे।


केमिकल हब

गौरतलब है कि नयाचर में ही केमिकल हब के निर्माण के लिए वाममोर्चा सरकार के साथ प्रसून मुखर्जी का करार हुआ था। पहले नंदीग्राम में केमिकल हब बनने का प्रस्ताव था जिसके लिए भूमि अधिग्रहण पर बवंडर हुआ और फायरिंग में 14 लोगों के मारे जाने के बाद सरकार को पीछे हटना पड़ा। विद्रोह थमने के बाद केमिकल हब की परियोजना नयाचर स्थानांतरित की गयी, जहां वाममोर्च सरकार ने प्रसून मुखर्जी को 11 हजार 800 एकड़ भूमि उपलब्ध करायी थी। तृणमूल कांग्रेस ने नयाचर में भी केमिकल हब का विरोध किया था और अंतत: सत्ता में आने के बाद वाममोर्चा सरकार के साथ हुए करार को रद्द कर पर्यावरण रक्षक उद्योग के लिए नया करार को मूर्त रूप दिया।



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