Wednesday, October 9, 2013

आस्था अब सार्वजनीन राजनीति राजकाज हो गया है धार्मिक,फिर भी बुरबक लोग इस धर्म राष्ट्र में क्यों लहराते हैं धर्मनिरपेक्षता के झंडे भारत उदय कथा को मुद्राकोष ने लगा दिया पलीता,जबकि हिंदू राष्ट्र अब हो गया है राजनीतिक कारोपोरेट एजंडा,कारपोरेट प्रायोजित धर्म कारपोरेट प्रायोजित राजनीति की ही तरह,हम कारपोरेट प्रजा

आस्था अब सार्वजनीन राजनीति

राजकाज हो गया है धार्मिक,फिर भी

बुरबक लोग इस धर्म राष्ट्र में क्यों

लहराते हैं धर्मनिरपेक्षता के झंडे

भारत उदय कथा को मुद्राकोष ने लगा

दिया पलीता,जबकि हिंदू राष्ट्र अब

हो गया है राजनीतिक कारोपोरेट

एजंडा,कारपोरेट प्रायोजित धर्म

कारपोरेट प्रायोजित राजनीति

की ही तरह,हम कारपोरेट प्रजा




पलाश विश्वास


चित्र साभार नवभारत टाइम्स


प्रॉपर्टी के बारे में ग्लोबल लेवल पर सूचना मुहैया कराने वाली कंपनी वेल्थ-एक्स की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में 7,850 अरबपति हैं जिनकी कुल प्रॉपर्टी 935 अरब डॉलर है। वेल्थ-एक्स की रिपोर्ट में कहा गया, 'जनसंख्या में 1.6 फीसदी की बढ़ोतरी के बावजूद भारत में ब्रिक्स के अन्य देशों के मुकाबले पिछले 12 महीने में सबसे ज्यादा 120 अरबपति बने हैं।'


यह स्टडी उन लोगों पर आधारित है जिनके पास 3 करोड़ डॉलर या इससे ज्यादा नेट वैल्यू की प्रॉपर्टी है। इन अरबपतियों की प्रॉपर्टी में पब्लिक और प्राइवेट कंपनियों के शेयर, घर में निवेश, आर्ट कलेक्शन, एयरक्राफ्ट और नकदी सहित कई ऐसेट्स शामिल हैं। यही नहीं, भारत में दुनियाभर में सबसे ज्यादा 1,250 महिला अरबपति हैं जिनकी जॉइंट प्रॉपर्टी 95 अरब डॉलर है।

लोग दावा कर रहे हैं

चिट फंड कंपनियों

पर सख्ती से पूजा

समितियों का बजट

20-30 फीसदी तक घटा

तो पैसा कहां से

आ रहा है


फिलहाल भारत में

1.82 लाख अरबपति हैं


दुनिया चाहे कितनी

भी तंगी में हो और

महंगाई लोगों की

सेविंग को साफ

कर रही हो मगर

अमीरों की तादाद

लगातार बढ़ रही है


यही पर्व और उत्सव

की असली थीम है


भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है और यहां मजबूत संघीय ढांचे के अलावा बढ़ता मार्केट है। यही वजह है कि 2000 के बाद से यहां तेजी से ग्रोथ हुई। इसी दौरान वयस्क आबादी में 35 पर्सेंट की बढ़ोतरी हुई और इस तरह वेल्थ में तीन गुना बढ़ोतरी देखी गई।


बाजार के विस्तार

के लिए आस्था

का राजनीतिक

होना अनिवार्य

राजकाज का

धार्मिक होना

भी अनिवार्य

पर्व का उत्सव

बन जाना

बाजार के

लिए अनिवार्य


और बाजार के

लिए ही नरसंहार

की संस्कृति

भी अनिवार्य


इसी लिए आवाहन

साझा,चंडीपाठ

साझा और

राजनीति और बाजार

का साझा चुल्हा

यह जिसमें

हम तंदूरी में

हो रहे हैं तब्दील


और इसीलिए

महिषासुर वध

भी अनिवार्य


पश्चिम बंगाल में पोंजी फंड स्कैम का असर दुर्गा पूजा आयोजनों पर भी पड़ रहा है। दुर्गा पूजा के ऑर्गेनाइजर्स को इस बार चिट फंड और बिल्डर्स से स्पॉन्सरशिप नहीं मिल रहे हैं। पिछले साल तक दुर्गा पूजा के दौरान ये सबसे बड़े स्पॉन्सर होते थे। इससे ऑर्गेनाइजर्स का बजट 20-30 फीसदी तक घट गया है।


फोरम फॉर दुर्गोत्सव के प्रेसिडेंट के अनुसार पिछले साल की तुलना में इस साल पूजा बजट 20-30 फीसदी कम है। कोलकाता और दक्षिण 24 परगना में में करीब 3,400 पूजा का आयोजन किया जाता है। इनमें से कई पूजा का बजट करोड़ों रुपए में होता है।


फोरम फॉर दुर्गोत्सव के प्रेसिडेंट नीतीश शाह ने बताया, 'ये कंपनियां पिछले साल तक डोनेशन देने में कोताही नहीं बरतते थे। इनका कुल कंट्रीब्यूशन 40-50 फीसदी तक घटा है। इस बार वाजिब स्पॉन्सर्स भी डोनेशन देने से डर रहे हैं।' इस साल शारदा ग्रुप का मामला अप्रैल में सामने आया था। इसके बाद पश्चिम बंगाल में कई चिट फंड कंपनियों की गड़बड़ियों का खुलासा हुआ।


दरअसल राज्य में चिट फंड कंपनियों के खिलाफ सख्ती और शारदा ग्रुप को लेकर सीबीआई जांच से पूजा पर असर पड़ा है। पश्चिम बंगाल सरकार ने बड़े रिटर्न का वादा कर निवेश लेने वाली कंपनियों के स्कैम के खिलाफ एक कमीशन का भी गठन किया है। आयकर विभाग भी जांच कर रहा है।

पिछले कुछ सालों से बड़े एडवरटाइजर्स और स्पॉन्सर्स की वजह से पूजा बड़े अवसर में तब्दील हो गया था। इनमें से कई एडवरटाइजर्स और स्पॉन्सर्स चिट फंड कंपनियां थीं। अब राज्य में उनका फंड खत्म हो रहा है।


तो पैसा कहां से

आ रहा है

पिछले कुछ साल से पूजा के पंडाल स्पॉन्सर्स के नामों से पटे रहते हैं, लेकिन स्लोडाउन के इस दौर में स्पॉन्सर्स अपने खर्च की ज्यादा से ज्यादा वैल्यू चाहते हैं। फिर चाहे प्रसाद हो या भोग। इन सब पर कंपनियों की नजर होगी।


इमामी ने कोलकाता में 100 से ज्यादा पूजा पंडाल के साथ करार किया है, जहां भोग कंपनी के हेल्दी एंड टेस्टी एडिबल ऑयल में पकेगा और उसका ब्रांड नेम भी नजर आएगा। कंपनी 30 अन्य पूजा के लिए भोग की पैकिंग करेगी, जिसकी होम डिलीवरी की जाएगी। इस पर भी हेल्दी एंड टेस्टी ब्रांड होगा। इमामी के डायरेक्टर आदित्य अग्रवाल ने कहा कि इससे कंपनी 1 लाख से ज्यादा लोगों तक पहुंच सकेगी। उसे ब्रांड को मजबूत करने में मदद मिलेगी। उन्होंने बताया, 'ऐसा नहीं है कि इससे सेल्स तुरंत बढ़ जाएगी और न ही ऐसा मकसद है। हालांकि, हम लंबी अवधि का असर हासिल करने और कंज्यूमर्स के साथ भावनात्मक तौर पर जुड़ने की उम्मीद कर रहे हैं।'


देश की बड़ी एफएमसीजी कंपनियों में शामिल डाबर का कहना है कि फेस्टिवल के साथ उसका जुड़ना दरअसल लोगों के लिए अच्छा है। कंपनी पूजा पंडालों में अपने रियल ब्रांड जूस के 125 एमएल के पैक सर्व करेगी। डाबर ने रियल जूस के प्रमोशन के लिए दिल्ली एनसीआर और कोलकाता में पंडालों के साथ टाई-अप किया है। इंडस्ट्री के कुछ जानकारों का मानना है कि इस तरह की कोशिशें आक्रामक हैं और कंपनियों को ब्रांडिंग और परंपरा के बीच नाजुक डोर पर संभलकर चलना होगा। ब्रांड एक्सपर्ट संतोष देसाई का कहना है, 'देश में त्योहारों का काफी कमर्शियलाइजेशन हो गया है। कंपनियां बदले में वैल्यू चाहती हैं, लेकिन भोग की ब्रांडिंग लक्ष्मण रेखा को पार करना हो सकती है।' टाइटन की तनिष्क भी पूजा में अपनी मौजूदगी की योजना बना रही है। कोलकाता में श्रीभूमि स्पोर्टिंग क्लब में मूर्तियां लगभग 5 करोड़ रुपए की तनिष्क ज्वैलरी के साथ सजाई जाएंगी।



अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने कहा है

भारत में आर्थिक विकास

की रफ़्तार सिर्फ़ 3.8 फ़ीसदी

रह सकती है अबकी दफा,काफ़ी कम

पिछले अनुमान से यह आकलन


जुलाई में आर्थिक विकास दर

5.6 फीसदी रहने का

अनुमान जताया था

अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने


शैतानी सत्यानाश गलियारा

मुंबई दिल्ली और अमृतसर

कोलकाता के ऐलान के बाद

कोलकाता पर मंडरा रहा है

नाटो का ड्रोंन, धर्मनिरपेक्ष

आराजनीतिक आवाजें

लेकिन चंडीपाठ में निष्णात


खुश मनाइये क उत्पादन हो

या नहीं अरबपतियों की

की संख्या में विकासदर

अभूतपूर्व है, सारे पर्व

और सारे उत्सव अब

उन्हींके हैं

खुश मनाइये कि

भारत में 2018 तक

3 लाख से ज्यादा

मिलेनियर होंगे

भारत में करोड़पतियों

और अरबपतियों का

उत्पादन बहुत तेज है


और यही समावेशी

विकास है

ट्रिकलिंग इकानामी है



बूंद बूंद विकास

छऩ छन छनकर

छनछनाछन


योजनाओं के मार्फत

पहुंच रहा है

बहुजनों को


वे मेवा मक्खन खावै हैं

घी के दिये जलावै हैं


आप आधार बनाइये

खाद्य सुरक्षा के

एक रुपया किलो

चावल 35 किलो


लेकर आ जाइये

खा पाये या नहीं

सरकार का गुण गाइये


और जोर से लगाइये

जयकारा जय हो

जय जय जय हो


चिदंबरम साध रहे हैं

अपना समीकरण भी

मीडिया वाले बता रहे हैं

उनकी हो गयी गलती


पाला पहले भी बदल

चुके हैं चिदंबरम

कांग्रेस का दामन

पहले भी छोड़ चुके

हैं चिदंबरम


कांग्रेस छोड़़कर

वित्तमंत्री भी

बने हैं चिदंबरम


इसी आलोक में

समझ लें बयान

बाजार जिसके हक में

उनके खिलाफ

कैसे बोले चिदंबरम


लोकसभा चुनाव 2014 को लेकर चल रहे घमासान के बीच केंद्रीय वित्त मंत्री पी चिदंबरम के एक सच ने कांग्रेस में तूफान खडा कर दिया है। चिदंबरम ने यह मान लिया है कि भाजपा के पीएम पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी का क्रेज शहरी युवाओं में ज्यादा है।


चिदंबरम ने माना कि मोदी के आने के बाद बीजेपी कार्यकर्ताओं में काफी उत्साह है और वे एकजुट होकर काम कर रहे हैं। ... हालांकि चिदंबरम यह बताना भी नहीं भूले कि देश के लोगों को मोदी का इतिहास याद है और वे उन्हें कभी सफल नहीं होने देंगे।


भारतीय जनता पार्टी ने नरेन्द्र मोदी को 'दागदार' बताए जाने के पी चिदंबरम के बयान पर पलटवार करते हुए कहा कि वित्त मंत्री और गृह मंत्री दोनों के रूप में चिदंबरम का चलन 'दोगुना दागदार' रहा है।


चिदंबरम ने रघुराम राजन समिति का उल्लेख करते हुए कहा कि मोदी का गुजरात एक पिछड़ा राज्य है. 'मोदी दरअसल मीडिया की देन हैं. 2014 में कांग्रेस की टक्कर अटल बिहारी वाजपेयी जैसे बीजेपी के कद्दावर नेता से नहीं


मोदी पॉप्युलर सही, पर जिता नहीं पाएंगे' मोदी के दामन पर लगे गोधरा दंगों के दाग को कुरेदते हुएचिदंबरम ने कहा, 'मोदी ने बीजेपी को एकजुट किया है।



सारे क्षत्रपों का हाल यही है

नजर कहीं निशाना कहीं

बेमतलब कोई बोल

नही रहा है


भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर रघुराम राजन ने कहा है कि वित्त मंत्रालय द्वारा सार्वजनिक बैंकों को और पूंजी उपलब्ध कराने के फैसले से ऋण की लागत घटेगी, उनकी कर्ज देने की क्षमता बढेगी तथा निवेश को प्रोत्साहन मिलेगा।


भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने कार और उपभोक्ता सामान के लिए ऋणों पर आज ब्याज दरें घटा दीं और त्यौहारी सीजन में उपभोक्ताओं को फायदा पहुंचाने के लिए प्रोसेसिंग शुल्क घटाने का निर्णय किया है।


गौरतलब है कि अमेरिकी वित्त मंत्री जैकब ल्यू आईएमएफ-विश्वबैंक की सालाना बैठकों में हिस्सा लेने आज यहां पहुंचे वित्त मंत्री पी. चिदंबरम के साथ बातचीत में कराधान के मुद्दों को उठा सकते हैं। साथ ही वह अवैध वित्तीय गतिविधियों का मुकाबला करने में सहयोग बढ़ाने पर भी बातचीत कर सकते हैं।


ल्यू 13 अक्तूबर को भारत अमेरिका आर्थिक व वित्तीय साझीदारी की चौथी वाषिर्क बैठक में चिदंबरम की मेजबानी करेंगे।


चिदंबरम 9 से 12 अक्तूबर तक अपने वाशिंगटन प्रवास के दौरान ब्रिक्स वित्त मंत्रियों और केंद्रीय बैंक के गर्वनरों की बैठकों के अलावा जी-24 मंत्रिस्तरीय बैठक व जी-20 वित्त मंत्रियों की बैठक में भी हिस्सा लेंगे।


अमेरिकी वित्त मंत्रालय में अंतरराष्ट्रीय मामलों के उप मंत्री लाए ब्रेनार्ड ने कहा, वित्त मंत्री ल्यू फेडरल रिजर्व के चेयरमैन बेन बर्नांके के साथ मिलकर वित्त मंत्री चिदंबरम और आरबीआई गवर्नर रघुराम राजन के साथ प्रमुख वृहद आर्थिक व वित्तीय क्षेत्र के उन मुद्दों पर बात करेंगे जो दोनों देशों की अर्थव्यवस्थाओं को प्रभावित करते हैं। उन्होंने कहा, साझीदारी की चौथी बैठक में ल्यू कर मुद्दों सहित हमारे निजी क्षेत्र के हितों व अवैध धन संबंधी गतिविधियों का मिलकर मुकाबला करने पर जोर देंगे। रिजर्व बैंक के गवर्नर रघुराम राजन और आर्थिक मामलों के सचिव अरविंद मायाराम सहित अन्य अधिकारी 11 और 12 अक्तूबर को आईएमएफ-विश्वबैंक की वाषिर्क बैठकों में शामिल होंगे। उन्होंने कहा कि दोनों देश द्विपक्षीय आर्थिक संबंधों को विस्तार देने के महत्व को समझते हैं।


मामला सिर्फ पूजा का नहीं है

मामला सिर्फ उत्सव का नहीं है

आंतरिक सुरक्षा का मामला भी

यह नहीं है, यह बाकायदा

ड्रेस रिहर्सल है, युद्धाभ्यास है

आम असुर जनता की

बेदखली का, वधस्थल पर

वध का अशनिसंकेत यह


भारत उदय कथा को मुद्राकोष ने लगा

दिया पलीता,जबकि हिंदू राष्ट्र अब

हो गया है राजनीतिक कारोपोरेट

एजंडा,कारपोरेट प्रायोजित धर्म

कारपोरेट प्रायोजित राजनीति

की ही तरह,हम कारपोरेट प्रजा


देहात का कोई वजूद है नहीं

पूरा देश महानगर

शहरीकरण का अभियान

चबा रहा जिंदा देहात

आसमान में नाटो का

ड्रोन,नागरिक डिजिटल


जमीन पर अनवरत

बेदखली अभियान

आंतरिक सुरक्षा के लिए

खतरनाक नागरिक सारे


जनगण के खिलाफ

जारी युद्ध है,सारे पर्व

अब खुल्ला बाजार में

कारपोरेट आयोजन


देश में 2018 तक करोड़पतियों की संख्या 66 फीसदी बढ़ कर 3,02,000 हो जाएगी। यह जानकारी बुधवार को यहां जारी एक वैश्विक संपत्ति रिपोर्ट से मिली। क्रेडिट सुईस रिसर्च इंस्टीट्यूट ने चौथे सालाना वैश्विक संपत्ति रिपोर्ट 2013 में कहा कि भारत में अभी 1,82,000 मिलेनियर  हैं। देश की 94 फीसदी आबादी के पास हालांकि 10 हजार डॉलर से कम संपत्ति है।


प्रति वयस्क वेल्थ बढ़ी…


1.23 लाख रुपये से ज्यादा 2000 में

2.90 लाख रुपये से ज्यादा 2013 में

135 पर्सेंट की बढ़ोतरी

8 पर्सेंट की औसत सालाना वृद्धि


दौलत बढ़ती रहेगी

- भारत में प्रति व्यक्ति वेल्थ 7.4 की दर से बढ़कर 3.4 ट्रिलियन हो गई।

- इसके 2018 तक 9.3 के रेट से बढ़कर 6600 डॉलर होने की उम्मीद है।

- भारत में 0.4 पर्सेंट यानी 28 लाख लोगों के पास एक लाख डॉलर (करीब 6 करोड़ रुपये) से ज्यादा की दौलत है।

- दुनिया की दौलतमंद आबादी में भारतीयों का पर्सेंट 0.5 पर्सेंट यानी 2.54 लाख है।


सुपररिच भी यहां

- भारत में 1760 अल्ट्रा हाई नेटवर्थ इंडिविजुअल (यूएचएनडब्लूआई) हैं। इनके पास 50 मिलियन डॉलर (3 अरब) से ज्यादा की दौलत है।

- 770 यूएचएनडब्लूआई के पास 100 मिलियन डॉलर (6 अरब) से ज्यादा की दौलत है।

कड़वा सच भी

- भारत में दौलतमंद बढ़ रहे हैं और मिडिल क्लास तरक्की कर रहा है मगर ग्रोथ का फायदा सभी तक नहीं पहुंच रहा।

- अभी भी बड़े पैमाने पर देश में गरीबी है।

- 94 पर्सेंट वयस्क आबादी के पास 10,000 डॉलर से कम हैं।


आर्थिक मंदी के बावजूद ब्रिक्स सदस्यों (ब्राजील, रूस, इंडिया और चीन) में शुमार भारत ने एक अनूठा रेकॉर्ड कायम किया है। पिछले एक साल में यहां अरबपतियों की तादाद सबसे ज्यादा बढ़ी है। अब देश में अरबपतियों की संख्या बढ़कर 7,850 हो गई है। एक स्टडी में इस बात का खुलासा हुआ है।


क्रेडिट सुईस में भारतीय प्रतिभूति शोध के प्रमुख तोरल मुंशी ने कहा कि मजबूत संघीय ढांचा और सक्रिय बाजार के साथ दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के रूप में भारतीय संपत्ति में 2000 के बाद से तेजी से विकास हुआ है। प्रति वयस्क संपत्ति में 135 फीसदी विकास हुआ है और यह 2000 में 2000 डॉलर से बढ़कर 2013 में 4,700 डॉलर हो गई है।


रिपोर्ट में कहा गया कि 2013 के मध्य तक भारत में 3,400 अरब डॉलर की संपत्ति है और प्रति वयस्क संपत्ति 2018 तक 9.3 फीसदी बढ़कर 6,600 डॉलर हो जाएगी।


उपभोक्ता बाजार है

उत्सव प्रयोजन

आस्था अब

सार्वजनीन राजनीति

राजकाज हो गया है

धार्मिक,फिर भी

बुरबक लोग इस

धर्म राष्ट्र में क्यों

लहराते हैं  फर्जी

धर्मनिरपेक्षता के झंडे


राष्ट्रपति चंडीपाठ से

शुरु करते हैं दिनचर्या

राष्ट्पति भवन

सबसे बड़ा धर्मस्थल

राजभवन भी सारे

तेजी से बनने लगे हैं

धर्मस्थल सारे के सारे


मोदी ने कोई गलत

नहीं कहा, लोकतंत्र

के सारे पीठ जब

हो गये धर्म स्थल

तो अलग से

धर्मस्थल बनाने

की जरुरत क्या है


विदेश यात्रा पर भी

दुर्गोत्सव में

बिजी


भारत लोकगणराज्य के

राष्ट्राध्यक्ष,

बाकी देश में


हिंदू राष्ट्र हो न हो

दुर्गोत्सव में

हिंदूराष्ट्र बंगाल है


धार्मिक हो गया

राजकाज है

मुख्यमंत्री


महालया से कर रही हैं

अखंड चंडीपाठ,

एक के बाद एक


273 पूजा आयोजनों

का उद्घाटन


आज तक

किसी सरकार के मुखिया

ने ऐसा रिकार्ड किया


हो कायम तो बताएं

नरेंद्र मोदी कितनी पूजाओं का

कर रहे हैं उद्गाटन, संघ बतायें


मुख्यमंत्री और राज्यपाल में

प्रतिद्वंद्विता है,कौन करें

कितनी पूजाओं का उद्घाटन


मोदी को  क्यों व्यर्थ

बना रहे  हिंदू राष्ट्र

का आइकन,

अपनी दीदी को

प्रधानमंत्री

बना दीजिये,

फिर देखिये

बंगाल की तरह

भारत भी हिंदूराष्ट्र


सरकारी कामकाज

ठप है, बैंक रहेंगे बंद

राजस्व वसूली

भी स्थगित


सारे कार्यालय बंद और

तमाम अखबार भी बंद


चंडीपाठ की

अनवरत गूंज

के अलावा


कहीं कुछ सुनायी

नहीं दे रहा इन दिनों,


हर कहीं

असुर विनाशक

महिषमर्दिनी

का आवाहन,


मुख्य गायक मुख्यमंत्री

हिंदू राष्ट्र के लिए

इससे बेहतर

माहौल क्या

हो सकता है बतायें


सुषमा असुर के

विनम्र निवेदन

का किसी ने

नोटिस लिया है

ऐसा सबूत अभी

तक नहीं मिला


जनता के खिलाफ

जारी युद्ध में

तैनात नाटो के ड्रोन

सीमाओं पर नहीं


दंडकारण्य पर ही नहीं

न सिर्फ जंगल महल में


अब कोलकाता के

आसमान में

मंडरा रहे हैं

असुर वध के लिए


मारे जायेंगे सारे असुर

जो असुर है नहीं

वे भी महिषासुर

बना दिये जायेंगे


सड़कों पर बीयर

और रम के लिए

खुल गये हैं तमाम

सोडा कियोस्क


और शापिंग

माल में भी अब

उपलब्ध विदेशी शराब


महिषासुर वध का यह

अभूतपूर्व आयोजन है


वृंदावन की असहाय

विधवाओं की

कभी किसी ने

खबर ली है , ऐसे

सबूत कहीं नही ं  

है और  चूंकि इस बार


पूजा की

हो गयी है मार्केटिंग

इसलिए


विदेशी पर्यटकों  की

खातिरदारी के साथ

लायी गयी हैं


वृंदावन से विधवाएं,

कारपोरेट

उत्सव का

यही मानवीय चेहरा


कोलकाता के आसमान में तैनात ड्रोन असुरों के वध के लिए

एक्सकैलिबर स्टीवेंस विश्वास​

बंगाल भर में और दुनियाभर में जहां भी बंगाली हैं, महालया को महिषमर्दिनी का आगमन हो चुका है। बंगाल में असुरों के वध का खास इंतजाम हुआ है। मां दुर्गा को असुर विनाशक महायुद्ध में जीत हासिल करने में कठिनाई न हो ,इसलिए पाकिस्तान के खिलाफ नाटो के ड्रोन अब कोलकाता के आसमान में तैनात हैं,जो भारत में बंगाल के जंगल महल समेत तमाम माओवाद प्रभावित इलाकों में आंतरिक सुरक्षा का काम देखते हैं।आसमान से खुफिया कैमरे से नागरिकों पर कड़ी निगरानी है।जहां कहीं दिख गया असुर महिषासुर,उसके वध का पुख्ता इंतजाम है।सारे नागरिक जाहिर हैं सुरक्षित होंगे दुर्गोत्सव में।दीदी ने अभूतपूर्व सुरक्षा इंतजाम कर दिया है।


दुर्गा के नाम मां काली से दीदी की शिकायत


बंगाल में अबकी दफा दुर्गोत्सव राजकीय है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी एक दो नहीं, 273 पूजा आयोजनों का देवीपक्ष के पहले दिने से शुभारंभ करने के महती राजकाज में बिजी हैं। वृष्टि असुर उनके इस आयोजन को रोकने लगी है तो नाराज दीदी ने मांदुर्गा के खिलाफ मां काली से शिकायत भी दर्ज करा दी है। मुख्यमंत्री पंडाल में स्वयं हाजिर होकर चंडीपाठ कर रही हैं और जागरणी  गा रही हैं,ऐसा नजारा दुनियाभर में कहीं और देखने को मिला हो तो बताना।

वृष्टि असुर का हमला और सारे अखबार बंद


फिर भी वृष्टि असुर से पीछा छूट नहीं रहा है। मुश्किल तो यह है कि बगावत और आतंक को रोकने में ड्रोन जितने कारगर है,बारिस रोकने में उनकी भूमिका का अभी ईजाद हुआ है कि नहीं,मालूम नहीं पड़ा है। पूजा के दरम्यान हाकर अखबार नहीं उठायेंगे,इसलिए षष्ष्ठी से दशमी तक सारे अखबार बंद रहेंगे। हालांकि पूजा लाइउव टीवी पर रात दिन राउंड दि क्लाक प्रसारित होता रहेगा। सबको दीदी ने छुट्टी दे दी है। दीदी ने सबकी छुट्टी कर दी है। बारिश की छुट्टी के लिए मां दुर्गा के खिलाफ मां काली से भी शिकायत कर दी है, लेकिन बारिश की एक दिन की छुट्टी भी मंजूर नहीं हुई है। मौसम विबाग के मुताबिक अष्टमी के दिन वज्र वृष्टि असुरों का हमला होगा बंगाल पर।


धार्मिक राजकाज

कोलकाता से हावड़ा में राइटर्स का स्थानांतरण संपन्न करके मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने नवान्न से बंगाल में रक्तहीन क्रांति को अंजाम दिया है। इसी के साथ देवीपक्ष के पहले दिन जोधपुर पार्क में दुर्गोत्सव का उद्बोधन करके पूजा का आरंभ करने वाली वह बंगाल की पहली मुख्यमंत्री बन गयी है।हिंदुत्व कार्ड खेलकर जो राजनीति करते हैं,बंगाल में दीदी का धार्मिक आचरण उनके लिए भारी चुनौती बन गया है।दीदी यह साबित करने में कोई कसर नहीं छोड़ रही है कि धर्म के मामले में उनका कोई जोड़ नहीं है। उनपर जो अल्पसंख्यकों के तुष्टिकरण के आरोप लग रहे हैं,उसका मुंहतोड़ जवाब दे दिया है दीदी ने।धर्मग्रंथों के मुताबिक शासक दैवी प्रतिनिधि होता है और दुर्गोत्सव में दीदी दैवी शक्ति बनकर बंगालियों के उद्दार का काम कर रही हैं।


सोने से लदी मूर्तियां


विधानननगर से दमदम एअरपोर्ट पर जाने वाली काजी नजरुल इस्लाम सरणी पर श्रीभूमि के पंडाल में दुर्गा,सरस्वती,लक्ष्मी, गणेश और कार्तिक, यहां तक कि महिषासुर को भी असली सोने के गहने पहनाकर करिश्मा कर रहे हैं दीदी के खासमखास तऋणमूल विधायक सुजित बाबू। मंत्री अरुप विश्वास के पूजा आयोजन की छवि उन्होंने धूमिल कर दी है।सुजित बाबू कभी वाम राज में दिवंगत कामरेड सुबाष चक्रवर्ती के दाहिने हाथ हुआ करते थे।मूर्तियों पर सुजित बाबू के मुताबिक चौदह किलो सोने के गहने कोई आभूषण कंपनी लगा रही है।श्रीभूमि स्पोर्टिंग क्लब में मूर्तियां लगभग पांच करोड़ रुपये के तनिष्क के गहनों से सजाई जाएंगी।


ब्रांडिंग का करिश्मा

कोलकाता स्थित सौंदर्य प्रसाधन व खाद्य सामग्री बनाने वाली कंपनी इमामी ने सौ से ज्यादा पूजा समितियों के साथ करार किया है। वहां भोग (खिचड़ी) कंपनी में बने तेल में पकेगा और पैकेट पर उसका ब्रांड नाम भी नजर आएगा। निदेशक आदित्य अग्रवाल कहते हैं, "इससे कंपनी एक लाख से ज्यादा घरों तक पहुंच सकेगी और ब्रांड को लोकप्रिय बनाने में सहायता मिलेगी।" कंपनी ने अपने प्रचार का बजट 30 फीसदी बढ़ा दिया है। इसी तरह एक अन्य कंपनी डाबर भी पूजा पंडालों में अपने जूस के छोटे पैकेट वितरित करेगी। टाइटन की तनिष्क भी पूजा में ब्रांडिग के लिए मैदान में है।


पर्व पर भारी है उत्सव


आस्था अब सार्वजनीन है।पर्व पर भारी है उत्सव।राज्य में गरीबी है, आस पास महंगाई है, लोग भले ही इनसे परेशान हों, लेकिन पश्चिम बंगाल के सबसे बड़े त्योहार दुर्गापूजा पर इनका कोई असर नहीं नजर आ रहा है। बेहताशा खर्च कर ये उत्सव भक्ति के बजाए भव्यता की राह पर जा रहा है।राज्य में हर साल 10 हजार से ज्यादा पूजा समितियां दुर्गापूजा आयोजित करती हैं। अकेले राजधानी कोलकाता में ही साढ़े तीन हजार पंडाल बनाए जाते हैं। इनमें से सौ से ज्यादा पंडाल तो ऐसे हैं जिनका बजट करोड़ों में होता है। हर साल नई थीम पर होने वाली इस पूजा के दौरान मूर्तियों, पंडालों की साज-सज्जा और बिजली की सजावट पर भारी रकम खर्च की जाती है।


फुटपाथ पर बीयर और रम


इस बार दुर्गोत्सव में प्यास बुझाने के कास इंतजाम हैं। कोका कोला,पेप्सी और लिमका,लस्सी और जलजीरा के अलावा हर

फुटपाथ पर होंगे सोडा कियोस्क। सोडा के साथ पलों का रस,बीयर और रम भी पी सकते हैं खुलेआम।जिन्हें विशुद्ध शराब चाहिए,उन्हें कष्ट उठाकर परिजनों के साथ दारु की दुकान जाने की जरुरत ही नहीं है। वे डिपार्टमेंटल स्टोर यानी शापिंग माल से विदेसी शराब खरीदकर पूजा रंगीन बना सकते हैं।


सोनागाछी में पहलीबार


अदालती लड़ाई जीतकर सोनागाछी में यौनकर्मी पहलीबार दुर्गा पूजा कर रहे हैं।पहले पुलिस वाले आसुरी तांडव का बहाना बनाकर इस आयोजन की अनुमति दे नहीं रहे थे।अदालती हस्तक्षेप से वे लोग पूजा कर रहे हैं पहलीबार जिनके घरों की मिट्टी के बिना दुर्गा की प्रतिमा बनती नहीं है। फिल्म देवदास में माधुरी और ऐश्वर्य के डोला रे डोला धुन पर युगल नृत्य को याद कीजिये।जाहिर है कि यौनकर्मियों को अब पूजा का हक मिल गया है।देश में पहली बार यौनकर्मियों को सार्वजनिक तौर पर दुर्गापूजा करने का अधिकार मिला है। दुर्बार महिला समन्वय समिति को यह अधिकार कलकत्ता उच्च न्यायालय ने दिया। यौन कर्मियों को दुर्गापूजा में जाने का सौभाग्य नहीं मिलता है क्योंकि समाज में इन्हें वह जगह अभी तक नहीं मिली है जो आम लोगों को मिली है। एशिया के सबसे बड़े रेड लाइट एरिया सोनागाछी के सात हजार और पश्चिम बंगाल के तकरीबन चालीस हजार यौन कर्मियों को इस बार दुर्गापूजा करने का अधिकार मिला है।


उद्योग और कारोबार अब दुर्गोत्सव


बंगाल का आर्थिक बदहाली का मंजर सिरेसेगायब है।उद्योग और कारोबार अब दुर्गोत्सव है । इस साल इस आयोजन का कुल खर्च पिछले साल के मुकाबले 35 फीसदी तक बढ़ गया है। एसोसिएटेड चैंबर आफ कामर्स (एसोचैम) की ओर से किए गए एक सर्वेक्षण के मुताबिक, बंगाल में दुर्गापूजा के आयोजन पर पिछले साल 25,000 करोड़ रुपये खर्च हुए थे, जो कई राज्यों के सालाना बजट से भी ज्यादा है। इस उद्योग के बढ़ कर 40,000 करोड़ रुपये तक पहुंचने का अनुमान है। इस सर्वेक्षण में कहा गया है कि पूजा के लिए बनने वाले पंडालों पर वर्ष 2012 में 350 करोड़ खर्च हुए थे। लेकिन कच्चे माल की कीमतों में वृद्धि और भव्य डिजाइनों की वजह से इस साल इसके पांच सौ करोड़ का आंकड़ा पार करने का अनुमान है। लेकिन तेजी से बढ़ते बजट के बावजूद आयोजकों के चेहरों पर कहीं कोई शिकन नहीं है।


पूजा जहां बेमायने


मालदा में लेकिन तट कटाव से क्षतिग्रस्त मानिकचक ब्लॉक के लोगों के लिए दुर्गापूजा कोई मायने नहीं रखती। यहां के ज्यादातर लोग मजदूरी कर व भीख मांग कर पेट पालते हैं।देवी वोधन से  लेकर विसर्जन तक उनके लिए कोई आनंद का माहौल नहीं है। दुर्गापूजा में चारों ओर लोग जहां खुशी से झूमते हैं वहीं मानिकचक के घर-घर में शोक की लहर दौड़ती है. क्योंकि इन लोगों को कपड़ा, खाना सभी चीजों के लिए लोगों के सामने हाथ फैलाना पड़ता है। पूजा आये और जाये इन्हें कोई फर्क नहीं पड़ता। मानिकचक ब्लॉक के मानिकचक ग्राम पंचायत अंतर्गत ब्रजलालटोला, महेंदट्रोला, डोमहाट, रामनगर व बड़ो बागान इलाके में तिस्ता के तट कटाव से करीब ढाई हजार परिवार क्षतिग्रस्त हुए हैं।

कोई सरकारी सड़क किनारे तो कोई आमबागान में पॉलीथीन, चटाई आदि से किसी तरह सिर छिपा रहे हैं। पूजा में ढाक की आवाज इन्हें और विरक्त कर देती है. पूजा आते ही इन परिवार के बच्चें नये कपड़ों के लिए जिद करने लगते हैं। इन लोगों को तो भगवान पर से विश्वास उठ गया है. इसलिए ज्यादातर लोग पूजा नहीं घुमते हैं। कुपोषण के कारण इनके शरीर में बीमारियों ने अपना घर बना लिया है। काम की तलाश में ये लोग घर छोड़कर बाहर जाते हैं, और लौटते वक्त साथ में एड्स जैसी बीमारी लेकर लौटते हैं।


घर भी बदलेंगी दीदी


राइटर्स के बाद अब घर भी बदलेंगी दीदी। ज्योतिषी की सलाह पर ममता अपना घर बदल रही हैं। वह अपने दक्षिण कोलकाता में कालीघाट स्थित घर से पॉश अलीपुर इलाके की आलीशन इमारत में जाने वाली हैं।अपने कालीघाट वाले घर में ममता जन्म से ही रह रही हैं। उनके साथ पूरा परिवार भी रहता है। ममता बनर्जी को ज्योतिषी ने घर और ऑफिस हुगली नदी के पश्चिम में बदलने की सलाह दी थी। उनका ऑफिस यानी सीएमओ हावड़ा के मंदिरतला में पहले ही शिफ्ट हो चुका है।दीदी का नयाघर  पुराने घर से बिल्कुल अलग होगा। यह इमारत दो एकड़ जमीन पर बनी हुई है। इसमें 8 से 10 कमरे, एक बड़ा कॉन्फ्रेंस रूम और एक हॉल है। ममता बनर्जी अब तक कालीघाट स्थित अपने घर में भाई के परिवार के साथ रहती थीं।



गौरतलब है कि सीएनबीसी टीवी18 की एक्जिक्यूटिव एडिटर लता वेंकटेश के साथ खास बातचीत में आरबीआई के गवर्नर रघुराम राजन ने कहा कि ग्रोथ और महंगाई दर के हिसाब ब्याज दरें काफी ज्यादा है। क्रेडिट पॉलिसी में ही मार्जिनल स्टैंडिंग फैसलिटी (एमएसएफ) दर घटाए जाने के बारे में कहा गया था। रुपये में स्थिरता दिखने पर ही एमएसएफ दर घटाई गई है। लेकिन, अगर हालात बदलते हैं तो फैसला वापस भी लिया जा सकता है।


रघुराम राजन के मुताबिक आम राय बन रही है कि करंट अकाउंट घाटे काबू में आ रहा है। जानकारों का मानना है कि करंट अकाउंट घाटा लक्ष्य से भी कम रह सकता है। रघुराम राजन को उम्मीद है कि व्यापार घाटे के ताजा आंकड़े अच्छे रहेंगे। गोल्ड इंपोर्ट कम होने से व्यापार घाटे में कमी आई है। अगर कच्चे तेल की कीमतों में भारी उछाल नहीं आता है तो करंट अकाउंट घाटा काबू में रहने की उम्मीद है। रुपया भी स्थिर होता दिख रहा है।


रघुराम राजन का कहना है कि एफसीएनआर रूट से काफी डॉलर आए हैं। पेंशन फंड और सॉवरेन वेल्थ फंड डॉलर की लगातार और स्थिर सप्लाई बनाए रखने के अच्छे विकल्प हैं। साथ ही, बॉन्ड इंडेक्स पर भी विचार किया जा रहा है। बॉन्ड इंडेक्स निवेशक हड़बड़ी में पैसा नहीं निकालते हैं।


अगले वित्त वर्ष से वित्तीय घाटा बहुत ज्यादा होने की आशंका है। रघुराम राजन के मुताबिक सरकार वित्तीय घाटे को काबू पाने के लिए कदम उठा रही है। सरकार द्वारा फूड सब्सिडी देना गलत नहीं है। हालांकि, सब्सिडी का फायदा सही लोगों को मिले, ये देखना जरूरी है।


रघुराम राजन का मानना है कि महंगाई को आंकने के लिए रिटेल (सीपीआई) और होलसेल (डब्ल्यूपीआई) दोनों आंकड़ों को ही देखना होगा। 5 साल से रिटेल महंगाई दर में गिरावट काफी धीरे आ रही है। रिटेल महंगाई दर घटाने के लिए कदम उठाने की जरूरत है। महंगाई में गिरावट अर्थव्यवस्था के हालात पर भी निर्भर है।


लिक्विडिटी बढ़ाने के लिए आरबीआई 7 दिन और 14 दिन के टर्म रेपो की नीलामी करने वाली है। रघुराम राजन का कहना है कि

लिक्विडिटी की हालत को देखते हुए कदम उठाते जाते रहेंगे। सरकार बैंकों में अतिरिक्त पूंजी डालने के विचार में है, जिससे बैंक की कर्ज देने की क्षमता बढ़ेगी। रघुराम राजन के मुताबिक जरूरतमंद सेक्टर को अगर ज्यादा कर्ज मिलता है, तो ये अर्थव्यवस्था के लिए अच्छा होगा।


रघुराम राजन के मुताबिक जीडीपी ग्रोथ का अभी अनुमान लगाना सही नहीं होगा। जीडीपी कई फैक्टर पर निर्भर है। निवेशकों का सेंटिमेंट सुधारने की जरूरत है। पिछले साल के मुताबिक इस साल एफडीआई निवेश ज्यादा रहा है। बेहतर मॉनसून और निर्यात बढ़ने से सितंबर का महीना अच्छा रहेगा।


नए बैंक लाइसेंस के मुद्दे पर रघुराम राजन का कहना है कि बैंक लाइसेंस अर्थव्यवस्था के हित को ध्यान में रखकर दिए जाएंगे। संसदीय समिति के सुझावों को भी ध्यान में रखा गया है।



अंतर्राष्ट्रीय मुद्राकोष (आईएमएफ) ने कमजोर मांग होने और विनिर्माण गतिविधियों और सेवा क्षेत्र में सुस्ती का हवाला देते हुए चालू साल के लिए भारत के विकास दर के अनुमान को 5.7 प्रतिशत से करीब दो प्रतिशत घटाकर 3.75 प्रतिशत कर दिया है। आईएमएफ की ओर वैश्विक आर्थिक परिदृश्य पर जारी ताजा रिपोर्ट में आज यह भी कहा गया कि भारत उन अर्थव्यवस्थाओं में से एक है जहां महंगाई को रोकने के लिए और सख्त उपायों की दरकार है।


आईएमएफ के मुताबिक चालू वित्त साल में भारत की विकास दर 3.75 प्रतिशत के आसपास बनी रहेगी। कृषि उत्पादन बेहतर होने के बावजूद विनिर्माण और सेवा क्षेत्र में सुस्ती और मौद्रिक उपायों की सख्ती से घरेलू मांग प्रभावित होगी। रिपोर्ट में हालांकि भारत के लिए अगले वित्त साल हालात कुछ बेहतर होने की बात कही गई है। इसमें कहा गया है कि निर्यात बढ़ने और देश में आपूर्ति श्रृंखला की बाधाओं में कमी आने से विकास दर पांच प्रतिशत की रफ्तार पकड़ सकती है।


अप्रैल 2013 में आईएमएफ ने मौजूदा साल में देश की विकास दर 5.7 प्रतिशत रहने और अगले वित्त साल में इसके 6.2 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया था। आईएमएफ की रिपोर्ट के अुनसार घरेलू मांग रहने के बावजूद भारत में ढांचागत सुविधाओं के अभाव और नियामक बाधाओं के कारण आपूर्ति में कमी आई है जिससे अर्थव्यवस्था पर दबाव बना हुआ है।


आईएमएफ के पहले दो अक्टूबर को एशियाई विकास बैंक भी मौजूदा वित्त साल के लिए भारत के विकास दर अनुमान को 6 प्रतिशत से घटाकर 4.7 प्रतिशत कर चुका है। खुद भारत में प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद भी मौजूदा वित्त साल के लिए देश के आर्थिक विकास अनुमान को 6.4 प्रतिशत से घटाकर 5.3 प्रतिशत कर चुकी है। भारतीय रिजर्व बैंक ने देश के विकास अनुमान को कम करके 5.5 प्रतिशत कर दिया है।

आईएमएफ ने कहा है कि कमी आर्थिक विकास का इंजन समझी जाने वाली चीन और भारत जैसी उभरती अर्थव्यवस्थाओं पर अब दबाव बन रहा है जिससे इनकी विकास दर साल 2010 के स्तर से करीब 3 प्रतिशत घट चुकी है।



इसी बीच

भारत सहित उभरती अर्थव्यवस्थाओं के मौजूदा वैश्विक परिस्थितियों में 8 प्रतिशत या इससे अधिक की आर्थिक वृद्धि हासिल करना मुश्किल है और इसकी सलाह देना भी उचित नहीं होगा।


अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के एक अधिकारी ने यह बात कही। आईएमएफ की विश्व आर्थिक परिदृश्य रिपोर्ट तैयार करने वाले प्रभाग की उप प्रमुख रूपा दत्तगुप्ता ने कहा, '8 प्रतिशत की आर्थिक वृद्धि, यह मुख्य रूप से विकसित देशों के संकट के असर से बचाव के लिए कई उभरते देशों में दिए गए प्रोत्साहन पैकेज की वजह से थी।'

आईएमएफ ने अपनी ताजा विश्व आर्थिक परिदृश्य की रिपोर्ट में वित्त वर्ष 2013 के दौरान भारत के लिए 3.8 प्रतिशत की आर्थिक वृद्धि रहने का अनुमान लगाया है, जिसके अगले वर्ष तक 5.1 प्रतिशत तक पहुंच जाने का अनुमान है।


भारत की आर्थिक वृद्धि दर पिछले वित्त वर्ष में धीमी पड़कर 5 प्रतिशत रह गई जबकि इससे पिछले एक दशक में यह औसतन 8 प्रतिशत रही थी। दत्तागुप्ता ने कहा, 'इसलिए कुछ तो ठंडा उस वजह से हुआ है, इस मायनों में इसका स्वागत किया जाना चाहिए क्योंकि आप यदि प्रोत्साहन करने के लिए उसी दर पर ईंधन झोंकते रहेंगे तो निश्चित रूप से ओवर हीटिंग होगी यानी अर्थव्यवस्था का पसीना छूट जाएगा।'

ओवर हीटिंग की स्थित में उत्पादन मशीनरी समग्रमांग को पूरा करने में पिछड़ जाती है और उसका असर मुद्रास्फीति जैसे असंतुलन के रूप में दिखता है। गौरतलब है कि प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा है कि सरकार देश को 8 से 9 प्रतिशत की आर्थिक वृद्धि के रास्ते पर लौटाने के लिए प्रतिबद्ध है।


दत्तागुप्ता ने कहा कि मौजूदा परिस्थितियों में न तो यह संभव है और न ही ऐसी सलाह देने के लायक है।


इस साल सितंबर महीने के व्यापार घाटे के आंकड़े में जोरदार गिरावट देखने को मिली है। सितंबर में देश का व्यापार घाटा 38 फीसदी घटकर 676 करोड़ डॉलर पर आ गया है।


सितंबर में व्यापार घाटा मार्च 2011 के बाद सबसे कम रहा है। वहीं इसी साल अगस्त में व्यापार घाटा 1,091 करोड़ डॉलर रहा था। साल 2012 के सितंबर में व्यापार घाटा 1,715 करोड़ डॉलर रहा था। सालाना आधार पर अप्रैल-सितंबर के दौरान व्यापार घाटा 9,182 करोड़ डॉलर से घटकर 8,012 करोड़ डॉलर रहा है।


साल दर साल आधार पर सितंबर में इंपोर्ट 18.1 फीसदी घटकर 3,444 करोड़ डॉलर रहा। वहीं महीने दर महीने आधार पर इंपोर्ट 3,705 करोड़ डॉलर से घटकर 3,440 करोड़ डॉलर रहा। सालाना आधार पर अप्रैल-सितंबर के दौरान एक्सपोर्ट 5.14 फीसदी बढ़कर 15,211 करोड़ डॉलर पर पहुंच गया है।


सालाना आधार पर सितंबर में एक्सपोर्ट 11.15 फीसदी बढ़कर 2,768 करोड़ डॉलर रहा। महीने दर महीने आधार पर सितंबर में एक्सपोर्ट 2,614 करोड़ डॉलर से बढ़कर 2,768 करोड़ डॉलर रहा। सालाना आधार पर अप्रैल-सितंबर के दौरान इंपोर्ट 1.8 फीसदी घटकर 23,223 करोड़ डॉलर पर आ गया है।


सालाना आधार पर सितंबर में सोने-चांदी का इंपोर्ट 460 करोड़ डॉलर से घटकर 80 करोड़ डॉलर रहा। सालाना आधार पर अप्रैल-सितंबर में सोने-चांदी का इंपोर्ट 8.7 फीसदी बढ़कर 2,310 करोड़ डॉलर रहा।


वाणिज्य सचिव एस के राव का कहना है कि गैर-जरूरी वस्तुओं के इंपोर्ट पर सख्ती के चलते व्यापार घाटा कम करने में मदद मिली है। इंजीनियरिंग एक्सपोर्ट में लगातार दूसरे महीने उछाल दिखा है। एग्री, केमिकल, फार्मा और टेक्सटाइल एक्सपोर्ट का प्रदर्शन भी अच्छा रहा है। आने वाले महीनों में जेम्स एंड ज्वैलरी एक्सपोर्ट में सुधार संभव है।


प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार समिति के चेयरमैन सी रंगराजन का कहना है कि वित्त वर्ष 2014 में करेंट अकाउंट घाटा 70 अरब डॉलर से भी कम रह सकता है। सोने के इंपोर्ट पर सख्ती का असर नजर आ रहा है। हालांकि त्यौहारी सीजन में सोने के इंपोर्ट में बढ़त दिख सकती है।


एक्सपोर्ट में शानदार तेजी से एक्सपोर्ट्स उत्साहित हैं। एफआईईओ के डायरेक्टर जनरल अजय सहाय के मुताबिक आगे एक्सपोर्ट में 20 फीसदी तक तेजी देखने को मिलेगी, लेकिन मैन्युफैक्चरिंग के मोर्चे पर स्थिति चिंताजनक है।


एफआईईओ के वीपी और रीजनल चेयरमैन अमित गोयल का कहना है कि एक्सपोर्ट में बढ़ोतरी और इंपोर्ट में गिरावट से करेंट अकाउंट घाटा कम करने में मदद मिलेगी। रुपये में आई रिकवरी और सरकार के उठाए गए कदमों से व्यापार घाटा कम करने में कामयाबी मिली है। अमेरिकी इकोनॉमी में आई रिकवरी से इस साल के अंत तक भारत की ग्रोथ भी अच्छी रहेगी।


अमित गोयल के मुताबिक रुपये की कमजोरी का पूरा फायदा एक्सपोर्टर्स को मिला है जिससे एक्सपोर्ट बढ़ रहा है। लेकिन एक्सपोर्टर्स और इंपोर्टर्स दोनों के लिए रुपये में स्थिरता बेहद जरूरी है।


यस बैंक की चीफ इकोनॉमिस्ट शुभदा राव का कहना है कि सरकार और आरबीआई के कदमों से सोने के इंपोर्ट में कमी आ रही है, जिसका फायदा व्यापार घाटे को कम करने में मिल रहा है।



सितंबर में व्यापार घाटा पिछले 30 महीने में सबसे कम होने पर शेयर बाजार में कारोबारी धारणा में सुधार रहा।


व्यापार घाटा कम होने से चालू खाते के घाटे को काबू में रखने के सरकार के प्रयासों को सफल होता देख शेयरों में लिवाली का जोर रहा। इससे बंबई शेयर बाजार का संवेदी सूचकांक 266 अंक बढ़कर 20,000 अंक के पार हो गया।


रीएल्टी क्षेत्र के शेयरों में अच्छी तेजी रही जबकि स्वास्थ्य कंपनियों, बैंकों और पूंजीगत सामानों का उत्पादन करने वाली कंपनियों के शेयरों में लिवाली का जोर रहा।


कई बैंकों ने कार और टिकाऊ उपभोक्ता सामान खरीदने के लिये दिये जाने वाले कर्ज पर ब्याज दरों में ढाई प्रतिशत तक कमी की है। इससे त्यौहारों के इस मौसम में मांग बढ़ने की उम्मीद है।


इंफोसिस और रिलायंस इंडस्ट्रीज के साथ साथ एचडीएफसी बैंक और सन फार्मा की बढ़त से सेंसेक्स को ऊपर उठने में मदद मिली।


बंबई शेयर बाजार का 30 शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक पर शुरू में जहां अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) द्वारा भारत के वृद्धि अनुमान को घटाने का असर रहा वहीं दूसरी तरफ दोपहर तक व्यापार घाटे के आंकड़े आने से बाजार में लिवाली जोर पकड़ गई।


संवेदी सूचकांक आज 265.66 अंक यानी 1.33 प्रतिशत बढ़कर 20,249.26 अंक पर बंद हुआ और यह 20 सितंबर के बाद सूचकांक का सबसे ऊंचा स्तर है। सितंबर माह का विदेश व्यापार घाटा 6.7 अरब डालर पर पिछले 30 माह में सबसे कम रहा है। निर्यात में जहां 11.15 प्रतिशत वृद्धि रही वहीं आयात 18.1 प्रतिशत कम हुआ है।


नेशनल स्टॉक एक्सचेंज :एनएसई: का सीएनएक्स निफ्टी सूचकांक 79.05 अंक यानी 1.33 प्रतिशत बढ़कर 6,007.45 अंक पर बंद हुआ।  एमसीएक्स स्टॉक एक्सचेंज का एसएक्स40 सूचकांक 151.11 अंक बढ़कर 12,055.73 अंक पर पहुंच गया।


अमेरिका में ऋण संकट को लेकर चिंता बरकरार रहने से ज्यादातर एशियाई बाजारों में मिला जुला रुख रहा। चीन, जापान, सिंगापुर और दक्षिण कोरिया के सूचकांक में बढ़त रही जबकि हांगकांग और ताइवान में गिरावट रही। यूरोप में मिला जुला रुख रहा।


बंबई शेयर बाजार में सेंसेक्स में शामिल 30 शेयरों में से 25 में तेजी रही। सन फार्मा 5.09 प्रतिशत, एचडीएफसी बैंक 2.57 प्रतिशत, इनफोसिस 2.48 प्रतिशत, भेल 2.25 प्रतिशत और टाटा स्टील 2.09 प्रतिशत बढ़कर बंद हुये। दूसरी तरफ विप्रो 1.19 प्रतिशत और सेसा स्टरलाइट का शेयर 1.05 प्रतिशत घट गया।


विभिन्न कारोबारी क्षेत्रों का प्रतिनिधित्व करने वाले सूचकांक में एस एण्ड पी बीएसई रीएल्टी सूचकांक 4.27 प्रतिशत बढ गया। हेल्थकेयर क्षेत्र का सूचकांक 1.88 प्रतिशत और बैंकेक्स सूचकांक 1.88 प्रतिशत ऊंचा रहा। पूंजीगत सामानों का सूचकांक भी 1.86 प्रतिशत बढ़कर बंद हुआ।


बाजार में कुल मिलाकर तेजी का रख रहा. 1,403 शेयरों में बढ़त रही जबकि 1,025 कंपनियों के शेयरों में गिरावट रही।





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