गोमूत्र पियें और हनुमान चालीसा यंत्र धारण करें तुरंत!
अभिभाषण शेयर धारकों के लिए जो लीक बजट से मालामाल
महामहिम ने कह दिया कि भूमि अधिग्रहण किसानों के हक में
पलाश विश्वास
गोबर माटी से सख्त नफरत करने वालों से विनम्र निवेदन है कि कयामत से बचने खातिर गोमूत्र पियें और हनुमान चालीसा यंत्र धारण करें तुरंत।
लीक हुए बजट पेश करने से पहले अपने अभिभाषण में महामहिम ने सरेबाजार जंग ऐलान कर दिया है कि भूमि अधिग्रहण किसानों के हक में है।
उनके इस अभिभाषण से पहले बजरंग दल ने ऐलान किया है कि देश के दस हजार गांवों में बजरंगवली हनुमान के मंदिर तामीर कर दिये जाएंगे और जाहिर है कि किसानों के हक हकूक की हिफाजत बजरंगवली से बेहतर और कौन कर सकते हैं।
खुदकशी के लिए तैयार बइठलन इस देश के प्रबलतम आस्था अंध कृषि समुदायों के लिए धीरज बांधने की एक और खबर है कि कहा जा रहा है कि संघ परिवार को उनकी कारपोरेट केसरिया सरकार के प्रस्तावित भूमि अधिग्रहण संशोधन विधेयक के कुछ जनविरोधी प्रावधानों पर प्रबल आपत्ति है तो जाहिर सी बात है कि सरकार पीछे हटने वाली है।
बहलहाल खबरें मूसलाधार हैं कि वैसे, इस बार बजट सत्र के काफी हंगामेदार रहने के आसार हैं। मोदी सरकार का यह पहला पूरा बजट है। इस सत्र में सरकार को कई अहम अध्यादेश पारित कराने हैं, जिनमें से एक भूमि अधिग्रहण अध्यादेश भी है, जिसका विपक्ष विरोध कर रहा है। पीएम मोदी ने बजट सत्र की शुरुआत से पहले कहा कि सहयोग की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि लोगों को आम बजट से बड़ी उम्मीदें हैं इसलिए संसद में काम चलने दें।
दूसरी ओर बताया जा रहा है कि बगुला भगत कांग्रेस समेत सभी विपक्षी पार्टियां पेट्रोलियम मंत्रालय में जासूसी, काला धन, भूमि अधिग्रहण क़ानून समेत कई मुद्दों पर सरकार को घेरने की तैयारी में हैं।
इसी के मध्य,फेसबुक की दीवाल बर बहुजन हिताय आई डी के साथ किसी महानुभव ने एक अति उत्तम सुझाव दिया है,शेयर धारकों को संबोधित महामहिम के भाखण का खुलासा करने से पहले इस सुझाव पर तनिको गौर करें।
बहुजन हिताय
न को राष्ट्रिय रोग घोषित किया जाय,शिवजी के लिंग को चूँकि भारत मेँ अधिकाँश पूजते हैँ इसलिए इसे राष्ट्रिय शिश्न घोषित किया जाय,चूँकि सौ करोङ मानव एक बँदर को पूजते हैँ इसलिए बाघ कि जगह इसे राष्ट्रिट पशु घोषित किया जाए,गणेश के चूहे को राष्ट्रिय वाहन,कार्तिकेय के मोर को राष्ट्रिय विमान व छूआछृत को हिन्दुओँ कि राष्ट्रिय पहचान घोषित किया जाए,मैँ आपके पूरी तरह साथ हूँ।
वर्तनी जस की तस है।
एक नहीं दो नहीं,कुल साढ़े तीन हजार दस्तावेज बजट और नीति निर्धारण से संबंधिक लीक हो गये हैं।
उधर विश्वकप में इमर्जिंग मारकेट का जलवा है तो इधर दिल्ली में अन्ना ब्रिगेड।अन्ना का काफिला दिल्ली में और अन्ना की सरकार दिल्ली में भी तो मोदी की सरकार भी अन्ना की उतनी ही जितनी संघ परिवार की।लेकिन दावा है कि आज से संग्राम जमीन पर। किसकी जमीन,किसका संग्राम ,छत्तीसगढ़ की नयकी राजधानी में सैकड़ों आदिवासी की जमीन जिस पुरखौती में सिमटी है लोकनृत्य के ताल छंद मैं कैद बूतों के मुखातिब होकर पूछ लेना बै चैतू।
वाह क्या वसंत बहार है कि सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे दिल्ली एयरपोर्ट पर पहुंच गए हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा भूमि अधिग्रहण कानून में किए गए संशोधन के खिलाफ अन्ना हजारे आज हजारों किसानों की मौजूदगी में उनके हक के लिए आवाज बुलंद करेंगे। अन्ना का यह आंदोलन जंतर-मंतर पर होगा, जहां राहुल गांधी से लेकर अरविंद केजरीवाल तक के पहुंचने की संभावना है। एयरपोर्ट से अन्ना राजघाट जाएंगे और उसके बाद जंतर-मंतर का रुख करेंगे। साल बदले, सरकार बदली और इस सबके बीच जंतर-मंतर पर एक बार फिर समाजसेवी अन्ना हजारे हुंकार भरने जा रहे हैं।
देखिये इसे कहते है ध्यान भटकाना. जब देश का बजट पेश होंगा और अगर जनता के अनुकुल नही होंगा तो कुछ तो चाहीये ना जख्म पे मलम लगाने के लिये. वैसे बजट के खिलाफ बोलेंग...
हाल यह है कि आज से संसद का बजट सत्र शुरू हो गया है। राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने अभिभाषण में अपनी सरकार के कामकाज का ब्योरा रखा। उन्होंने कहा कि हर किसी को भोजन देना सरकार की प्राथमिकता है।
भूमि सुधार लागू करने की मांग अब कोई माई का लाल कर नहीं रहा है।
जमीन जो जोते ,जमीन उसीकी है,यह जुमला हवा हवाई है।
इस पर तुर्रा यह कि लीक हुए बजट पेश होने से पहले देशी विदेशी कंपनियों के शेयरधारकों को संबोधित करते हुए महामहिम कह रहे हैं कि भूमि अधिग्रहण किसानों के हक में है।
यह बजट मेकिंग इन बजट है बै चैतू।
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ग्राउंड जीरो पर हाल सलवा जुड़ुम है।राष्ट्रीय संसाधनों की लूट खसोट कर रही देशी विदेशी पूंजी की सुरक्षा में लगी है भारत की आंतरिक सुरक्षा।
अभी कोलकाता के उपनगरीय इलाके में कल्याणी से लेकर दमदम तक जाने वाले कल्याणी हाईवे पर जिनकी जमीन है वे हाय तोबा मचा रहे हैं कि उनकी जमीन तमामो प्रोमोटरों के नाम रजिस्टर्ड हो गयी है।फर्जी रजिस्ट्रेशन हो रहे हैं धड़ल्ले से और यह भी भूमि अधिग्रहण है और जाहिरौ है कि किसानों के हक में भूमि अधिग्रहण है।
मां माटी मानुष की सरकार जो जबरन भीमि अधिग्रहण के खिलाफ है जमीन के इस लूटखसोट के खिलाफ सन्नाटा बट्टा दो हैं और रब के बंदे दोनों हाथों से चांदी काट रहे हैं।
हर तीर्थ बार बार ,गंगासागर एक बार।
सागरद्वीप बंगाल की खाड़ी के मुहाने पर हैं और वहां जमीन का भाव पांच लाख सात लाख कट्ठा है।
सोदपुर अब कोलकाता के पार्कस्ट्रीट के बाद वाईफाई है।
पहले ही यहां पचास लाख से लेकर दो करोड़ के भाव फ्लैट हैं। वाई फाई स्मार्ट सिटी बन जावने के बाद यहां कोनलोग रह सकेंगे,कहना मुश्किल है।
सविताबाबू की सेहत ढीली है।
सर्दी से उनकी आवाज बंद है।
मेडिकल स्टोर से दवा के साथ करेलाजूस और आंवला जूस उठाकर ले आयी।
तमाम मर्ज जनता के अब देशी वनस्पति और आयुर्वेद से दूर होंगे।
उनकी सांस्कृतिक मंडली ने एक मकान हमारे लिए इस बीच एचबी टाउन में खोज निकाला है।दस लाख कीमत बतायी गयी।हमने विनम्रता पूर्वक निवेदन किया कि एको लाख हमारी खेंसे में नहीं है।
बाद में पता चला कि वह मकान इस बीच चार बार बिक चुका है और पांचवा मुर्गा हमें बनाने की तैयारी थी।
कल ही एक मित्र ने कहा कि मुंबई हाई रोट पर जहां दस बीस लाख रुपये का आम भाव है हर कट्ठे का ,वहां डोमजूर में डेढ़ लाख कट्ठा भाव ऐसे जमीन उपलब्ध है।
पता नहीं किसकी जमीन है और कौन बेच रहा है।कितनी बार बिकी है वह जमीन और कितनी बार बिकेगी वह जमीन।
यह प्रोमोटर बिल्डर सिंडिकेट माफिया का विकास लेकिन मुक्त बाजार हरिकथा अनंत हैं और बजट सत्र के अभिभाषण से पहले लीक हुए बजट का सूरते हाल बयान करते हुए महामहिम उन्हीं को दरअसल संबोधित कर रहे हैं।बाकी सारे लोग गुलामो है बै चैतू।
अंधाधुंध शहरीकरण में अंधाधुंध फर्जीवाड़ा है।
जो जमीन का मालिक है,वह मालिक लेकिन नहीं है।
जमीन का सौदा कोई और कर रहा है।
एक ही जमीन का सौदा बार बार हो रहा है।
सारी जमीन प्रमोटर बिल्डर माफिया और देशी विदेशी कंपनियों की है।
इस देश में किसानों के पास अब नहीं है कोई जमीन।
न कोई किसान जमीन का मालिक बचा है।
न खेत बचा कोई ,न खलिहान बचा कोई।
न देहात बचा कहीं।
न लोक बचा है कहीं।
न भाखा कहीं बची है।
न पृथ्वी बची है कहीं और न कहीं बचा है अंतरिक्ष।
सबकुछ अब संपूर्ण रामायण,संपूर्ण महाभारत संपूर्ण भागवत गीता संपूर्ण निजीकरण संपूर्ण विनिवेश संपूर्ण एफडीआई है।
संसद भी एफडीआई।
सरकारें भी एफडीआई।
भारत सरकार अब महज स्टर्टअप है।
भारत सरकार अब व्हाट्सअप है।
भारत सरकार बिजनेसफ्रेंडली सिंगल विंडो है और देश भी अब एफडीआई।
लीक हुए बजट का,महामहिम के अभिभाषण का सार गीता महोत्सव है अश्वमेध राजसूय है और हम भारतीय नागरिक निमित्तमात्र नियतिबध्य वैदिकी हिंसा मध्ये महाभारत के पात्र वध्य हैं या फिर अश्वत्थामा अभिशप्त हैं।
भारत अब स्मार्ट महानगर है।
यह बजट उस स्मार्ट महानगर का बै चेैतू।
कि हर कहीं आदिवासी गैर आदिवासी सवर्ण असवर्ण पिछड़ा दलित अति पिछड़ा अति दलित मुसलमान सिख बौद्ध और दीगर धर्म के लोगों की सारी जमीन अब बेदखल हैं और सारे गांव अब नयकी राजीधानी वाई फाई है।
अजातशत्रू के आक्रमण से विध्वस्त वैशाली लोक गणराज्य है,चील कौवों सियारों का महाभोज है।न हमें लाशें दीख रही हैं और न हमें खून की नदियां दीखती हैं।
सावन के अंधों के लिए बजटसत्र सुहावना है।
यह लोकलुभावन डिजिटल बायोमेट्रिक बजट सावन के अंधों का बजट है कि हरियाली के श्मसान घाट पर मनसेंटो जश्न है और परमाणु चूल्हा अब साझा चूल्हा है।
सिखों का संहार,गुजरात नरसंहार, बाबरी विध्वंस,देश विदेश दंगे, सलवाजुड़ुम, आफसा, नगरिक मानवाधिकार हनन और अनंत बेदखली अश्वमेध अभियान, मनुस्मृति शासन और नस्ली रंगभेद का कुल जोड़ साढ़े सात प्रतिशत विकासदर है।
भूमि सुधार किस खेत की मूली बै,चैतू।
हमारे अपढ़ पुरखे हजारों साल से जमीन की हक हकूक की लड़ाई लड़ते हुए मर खप गये लेकिन हम अपनी जमीन की खातिर एक बार भी एक शब्द बोलने की हालत में नहीं है।
हर कोई अपनी जमीन बेचने और अधिक से अधिक कीमत हासिल करने के इंतजार में है ताकि सीमेंट के जंगल में कुछ दांव उसका भी हो,ताकि सेनसेक्स में सांढ़ उसके खातिर दौड़ लगाये ताकि नीलामी में वह मोदी का कोई बेशकीमती सूट करोडो़ं में खरीद सकें।
अभिभाषण की खास बातेंः
- शिक्षकों के प्रशिक्षण के लिए सरकारी योजना
- योजनाओं में सबसे बड़ी है शिक्षा का विकास
- सबको स्वास्थ्य सुविधा देना हमारा लक्ष्य
- फूड पार्क के लिए 2 हजार करोड़ की योजना
- भूमि अधिग्रहण कानून किसान के हक में
- महिला सुरक्षा और सशक्तिकरण के लिए कई कदम
- बेटी पढ़ाओ, बेटी बचाओ योजना शुरू की
- लघु और मध्यम उद्योगों को बढ़ावा देगी सरकार
- केंद्र, राज्य और जनता की टीम इंडिया
- स्किल बढ़ाने के लिए मंत्रालय बनाया गया
- कारोबार बेहतर बनाने के लिए सुविधा पोर्टल
- डिजिटल इंडिया बनाना सरकार का लक्ष्य
- महंगाई सबसे निचले स्तर पर पहुंची
- जीएसटी से बेहतर टैक्स व्यवस्था
- भारत का विकास दुनिया में सबसे तेज
- व्यापार को आसान बनाने के लिए काम
- जनधन योजना से हर नागरिक का बैंक खाता
- 2022 तक सबको घर का लक्ष्य
- हाउसिंग सेक्टर के लिए एफडीआई सेक्टर
- फूड प्रोसेसिंग में रोजगार की संभावना
- सरकार की सबसे बड़ी प्राथमिकता शिक्षा
- अच्छे भविष्य के लिए ठोस शुरुआत हुई
- सरकार का मकसद सबका साथ, सबका विकास
- विकास के लिए स्वच्छ भारत मिशन
- रक्षा उत्पातन में एफडीआई बढ़ाने से फायदा होगा
- रेलवे में एफडीआई से रेल क्षेत्र का विकास होगा
- बेहतर कारोबार के लिए सिंगल विंडो सिस्टम
- स्मार्ट सिटी योजना अंतिम चरण में
- सांसद 50 % फंड स्वच्छता में लगाए
- 60 हजार विस्थापित परिवारों को कश्मीर में बसाएंगे
- शहरों को आधुनिक सुविधाए देनी है
- पर्यटन बढ़ाने के लिए सरकार की योजना
- 44 देशों के लिए वीज़ा ऑन अराइवल
- आंतकवाद देश की सुरक्षा के लिए बड़ी चुनौती
- बिजली क्षेत्र में सरकार ने कई काम किए
- शिक्षा के लिए बढ़े भारत बढ़े भारत योजना
- ऊर्जा बचाव योजना सरकार की प्राथमिकता
- अहमदाबाद, नागपुर के लिए मेट्रो को मंजूरी
- गांव, शहरों दोनों को 24 घंटे बिजली
अभिभाषण के दौरान सरकार की उपलब्धियां और एजेंडे को बताते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि 'सबका साथ, सबका विकास सरकार का मकसद है। समय के सबसे विवादित मुद्दे भूमि अधिग्रहण कानून के बारे में उन्होंने कहा कि यह किसानों के हित में है।
राष्ट्रपति ने कहा कि स्मार्ट सिटी और स्वच्छ भारत पर सरकार ने काम शुरू कर दिया है। राष्ट्रपति ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि सरकार बजट सत्र में सकरात्मक काम की ओर कदम बढ़ाएगी। महंगाई को काबू करना सरकार की प्राथमिकता होनी चाहिए। राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने कहा कि सरकार की प्राथमिकताओं में शिक्षा एक अहम मुद्दा है। सरकार पढ़े भारत, बढ़े भारत की योजना पर काम करेगी।राष्ट्रीय गोकुल मिशन लॉन्च किया गया। फूड प्रोसेसिंग में रोजगार की काफी संभावनाएं हैं। भूमि अधिग्रहण कानून की तारीफ करते हुए मुखर्जी ने कहा कि यह किसानों के लिए लाभकारी है। सरकार ने गांवों के विकास के लिए आदर्श ग्राम योजना शुरू की।
राष्ट्रपति ने कहा कि सरकार ने स्किल बढ़ाने के लिए मंत्रालय बनाया है। हाउसिंग सेक्टर के लिए एफडीआई लाई गई। सरकार ने मिशन इंद्रधनुष लॉन्च किया। हुनर बढ़ाने के लिए पीपीपी योजना लागू की गई। बेकार पड़ चुके कानूनों के बारे में राष्ट्रपति मुखर्जी ने कहा कि सरकार बेकार कानूनों को खत्म करेगी। कानून व्यवस्था बेहतर बनाने के लिए काम किया जाएगा। महिला सुरक्षा पर कदम उठाए गए।
स्कूलों में शौचालयों की होगी व्यवस्थाः राष्ट्रपति मुखर्जी ने कहा कि सरकार की कोशिश है कि सभी स्कूलों में जल्द से जल्द शौचालयों की सुविधा मुहैया कराई जाए। गांव-गांव को बिजली से जोड़ने की स्कीम पर भी काम किया जाएगा। गैर पारंपरिक ऊर्जा के लिए सरकार प्रतिबद्ध है। बिजली उत्पादन के लिए भी सरकार काम करेगी।खनिजों के खनन पर भी सरकार ध्यान देगी। गंगा भारत के लिए काफी महत्वपूर्ण है। गंगा सफाई के लिए दो हजार करोड़ रुपये का बजट है। सरकार इस पर भी काम करेगी। हाईस्पीड ट्रेन के लिए भी रिपोर्ट तैयार कर ली गई है। पर्यटकों के लिए वीजा ऑन अराइवल की व्यवस्था लागू की गई।
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