Thursday, April 18, 2013

Fwd: [अपना मोर्चा] त्रासदी यह है कि हमारे देश में मार्क्सवादी भी...



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From: Satya Narayan <notification+kr4marbae4mn@facebookmail.com>
Date: 2013/4/18
Subject: [अपना मोर्चा] त्रासदी यह है कि हमारे देश में मार्क्सवादी भी...
To: अपना मोर्चा <ApnaMorcha@groups.facebook.com>


त्रासदी यह है कि हमारे देश में मार्क्सवादी भी...
Satya Narayan 10:20am Apr 18
त्रासदी यह है कि हमारे देश में मार्क्सवादी भी मार्क्सवाद नहीं पढ़ते और संशोधनवादी उनसे ज़्यादा मार्क्सवाद पढ़ते हैं। नतीजा यह होता है कि माकपा जैसी ग़द्दार और घाघ पार्टियों की ग़द्दारी को वे पकड़ ही नहीं पाते। वास्तव में, जब नन्दीग्राम और सिंगूर के समय किसान प्रश्न पर एक बहस शुरू हुई थी तो माकपा के बुद्धिजीवी मार्क्सवादी-लेनिनवादी पार्टियों के अधकचरे बुद्धिजीवियों पर हावी हो गये थे, और वह भी मार्क्सवाद को विकृत करके और ग़लत-सलत तर्क और तथ्य देते हुए!
http://ahwanmag.com/archives/370

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